शहद का इस्तेमाल आमतौर पर हर किसी के घर में किया जाता है। विभिन्न तरह के व्यंजन के साथ-साथ पूजा पाठ में इस्तेमाल किया जाता है।भगवान शिव का शहद से अभिषेक करना शुभ माना जाता है।शहद के इस्तेमाल से व्यक्ति मंगल दोष के साथ शुक्र दोष की समस्या से निजात पा सकता है। इतना ही नहीं शहद का इस्तेमाल करके जातक शनि की साढ़े साती, ढैय्या और शनि दोष के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकता है।
मंगल दोष के लिए : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर चतुर्थ भावस्थ में मंगल अशुभ हो, तो शहद संबंधी बिजनेस बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। चतुर्थ भाव में मंगल की स्थिति कमजोर है, तो इसका शुभ फल पाने के लिए मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर किसी सुनसान जगह पर दबा दें,शुभ प्राप्त करने के लिए किसी सुनसान जगह पर एक मिट्टी के बर्तन में शहद भरकर दबा लें।आप चाहे तो पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।इससे लाभ मिलेगा।अगर मंगल बारहवें भाव में है,हर मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी को दीपक जलाएं और उसमें थोड़ा सा शहद डाल दें।मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए, भगवान शिव का शहद से अभिषेक करना चाहिए।इससे भगवान की कृपा से हर काम में सफलता प्राप्त होगी।
शुक्र को शांत करने के लिए : अगर कुंडली में दूसरे भाव में शुक्र है, तो शहद का दान करें। इससे संतान संबंधी समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
शनि दोष से निजात के उपाय : कुंडली से शनि दोष, साढ़े साती से छुटकारा पाने के लिए घर में एक मिट्टी के बर्तन में शहद रखना चाहिए।शनि किसी भी प्रकार की पीड़ा से परेशान है, तो पांच शनिवार को मंदिर में शहद का दान करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।