जबलपुर : स्कूल बसों में छात्र- छात्राओं से हर माह मनमर्जी से  लिए जा रहे  किराए की शिकायतों के निराकरण के लिए परिवहन विभाग के आदेश अनुसार पूरे प्रदेश में एक जैसा किराया लेने कार्रवाई की जा रही है। जबलपुर के पड़ोसी जिला कटनी में तत्काल प्रभाव से इस पर अमल शुरू हो चुका है, जबकि जबलपुर अब तक इस मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। इसकी वजह आरटीओ द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को एक सप्ताह पहले भेजे गए प्रस्ताव पर  जिला शिक्षा अधिकारी की बेरूखी है

एक जुलाई से तय होना था किराया
जानकारी के अनुसार एक जुलाई से स्कूल बसों का किराया 1 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्धारित करने के लिए आरटीओ कार्यालय से जिला शिक्षा अधिकारी को करीब एक सप्ताह पहले प्रस्ताव भेजा गया था। आरटीओ सूत्रों की मानें तो जिला शिक्षा अधिकारी आरटीओ को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते किराया निर्धारित नहीं हो पा रहा है। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि शिक्षा विभाग की सुस्त चाल के पीछे शिक्षा विभाग और स्कूलों के बीच सांठगांठ है जिसके चलते स्कूल बस किराए के मुद्दे को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है।

कटनी में ऐसे हुआ किराए का निर्धारण
कटनी में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी  जिसमें पुलिस अधीक्षक, आरटीओ, जिला शिक्षा अधिकारी,कलेक्टर प्रतिनिधि(2), स्कूल बस संचालक(2), छात्र संघ के नेता(2), तथा बच्चों के दो अभिभावक शामिल थे। स्कूल बसों के संचालन हेतु 1 से 5 किमी. तक 650 रू.,6 से 10 किमी. तक 850 रू., 11 से 15 किमी. तक 1000 रू. तथा 16 से 25 किमी तक 1500 रूपये प्रतिमाह प्रति छात्र-छात्रा से किराया राशि के प्रस्ताव को मंजूरी मिली, जिसे कल जिला कलेक्टर द्वारा तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। वहीं जानकारी मिली है कि ग्वालियर में भी परिवहन मुख्यालय के आदेश का पालन शुरू हो चुका है।

स्कूल बस किराया संबंधी प्रस्ताव में कुछ कमी थी, जिसे वापस आरटीओ को भेजा गया है। एक सप्ताह में बैठक आयोजित कर किराया निर्धारण कर दिया जाएगा।
सतीश अग्रवाल,
जिला शिक्षा अधिकारी