नई दिल्लीः देसी ई-कॉमर्स बाजार की शीर्ष 3 कंपनियों ने पिछले 5 साल में जितनी रकम जुटाई है, उतनी ही रकम केवल एक साल में कमाने की उम्मीद इस उद्योग की तीन-चार दिग्गज कंपनियों को है। सूत्रों ने बताया कि 3 से 4 बड़ी ई-वाणिज्य कंपनियां बाजार से 350 से 500 करोड़ डॉलर तक की रकम उगाहने की कवायद में जुटी हैं। उन्हें अगले 12 से 15 महीनों में यह रकम आने की उम्मीद है। यह रकम जुटने के बाद ही कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आई.पी.ओ.) पेश करेंगी।

एक ई-कॉमर्स कंपनी के आला अधिकारी ने कहा कि आई.पी.ओ. लाने से पहले फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों को अच्छी खासी रकम इकट्ठी करनी होगी। इसके अलावा भारतीय कंपनियां चीन की अलीबाबा से मिलने वाली टक्कर के लिए भी खुद को तैयार कर रही हैं। अलीबाबा मोबाइल वालेट और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पेटीएम चलाने वाली वन97 के साथ जल्द ही भारतीय बाजार में उतरने वाली है। 

घाटे में चल रही ये कंपनियां अमेजॉन से भिडऩे के लिए भी रकम जुटा रही हैं। खबर है कि जेफ बेजोस की अगुआई वाली अमेजॉन भारत को अमरीका के बाद अपना दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनाने के लिए यहां करीब 500 करोड़ डॉलर लगाने जा रही है। इतना ही नहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा समूह और आदित्य बिड़ला समूह भी अपने-अपने ई-कॉमर्स उपक्रमों के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं, जिससे इस बाजार में मुकाबला और भी कड़ा हो जाएगा।

अमेजॉन से उसकी निवेश योजना के बारे में पूछे जाने पर उसके प्रवक्ता ने कहा, ''हम भावी योजनाओं के बारे में बात नहीं करते।'' फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और ओला ने भी पूंजी जुटाने की अपनी योजना पर बात नहीं की। हालांकि निवेश बैंकिंग कंपनी एवेंडस कैपिटल के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में ऑनलाइन कंपनियों ने कुल 550 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इसमें कुल मिलाकर करीब 300 करोड़ डॉलर स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, पेटीएम, ओला और क्विकर के हिस्से आए थे।

एवेंडस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक आशिष भिंडे ने कहा कि इंटरनेट के बल पर चलने वाली कंपनियां चालू वित्त वर्ष में 800 करोड़ डॉलर तक जुटा सकती हैं। इसमें से 400 से 450 करोड़ डॉलर चोटी की 6-7 कंपनियों के पास आ सकते हैं। हालांकि शीर्ष कंपनियों को इस बार बाजार में आने वाली रकम का आधा हिस्सा ही मिलता दिख रहा है, जबकि पिछले साल दो-तिहाई रकम इनके पास आ गई थी। इसकी वजह शॉपक्लूज, बिगबास्केट, ओयो रूम्स, पॉलिसीबाजार, सावन, पेपरफ्राई जैसी कंपनियां हैं, जो अब बड़ी होती जा रही हैं। शॉपक्लूज के संस्थापक और सबसे बड़े हिस्सेदार संदीप अग्रवाल ने कहा कि आई.पी.ओ. लाने से पहले कंपनियों को अपनी बुनियाद मजबूत करनी होगी। इसके लिए वे तेजी से रकम जुटाएंगी।