नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में लगभग 3000 अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए एक विधेयक का प्रस्ताव मंजूर किया  जिसके तहत 295 अप्रचलित कानूनों को निरस्त किया जाएगा। 

रिपोर्ट के मुताबिक, निरसन एवं संशोधन (चतुर्थ) विधेयक 2015 को लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक के जरिए 295 बेकार हो चुके कानूनों को खत्म किया जाएगा, क्योंकि ये कानून अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। इनमें से कुछ कानून 30 साल से अधिक पुराने हैं। एक विधेयक विवाह कानून में संशोधन से संबंधित है, जबकि एक अन्य सीमेंट जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने से संबंधित है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। कानून मंत्रालय के विधायी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक संसद में एक ही जैसे दो विधेयक पारित किए जाने से 125 पुराने कानूनों को निरस्त किया गया। दो अन्य विधेयक संसद की मंजूरी के लिए लंबित हैं और एक बार ये विधेयक पारित हो जाएं तो 945 अन्य कानूनों को निरस्त किया जा सकेगा।

बता दें, कानून मंत्रालय ने 1871 अन्य कानूनों की पहचान की है, जो मौजूदा समय में अप्रासंगिक हो चुके हैं। कानून मंत्रालय 2001 के बाद पहली बार इस तरह का कार्य कर रहा है। प्रभावशाली शासन में बाधा उत्पन्न कर रहे पुराने पड़ चुके कानूनों को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे के अनुरूप यह सब हो रहा है। सन 1950 से 2001 के बीच 100 से अधिक कानूनों का खत्म किया गया था।