भोपाल। व्यापमं मामले की जांच में सीबीआई जिस अंदाज में कदम-दर-कदम बढ़ रही है, उससे जाहिर हो रहा है कि वह जल्द ही रसूखदारों से भी पूछताछ करेगी। इसकी जद में कई आईएएस व आईपीएस अधिकारी, राजनेता, कॉलेज संचालक और नामचीन लोग आएंगे। ऐसे में कुछ और बड़े व सनसनीखेज खुलासे हो सकते हैं। सीबीआई की टीम ने भोपाल में डेरा डालकर बीते दो दिनों में एसटीएफ और जिलों की एसआईटी के अफसरों से कुल मिलाकर 15 घंटे तक पूछताछ की है, यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
बताया जाता है कि सीबीआई की दिल्ली टीम हर प्रकरण की डिटेल सामने रखकर मप्र पुलिस के अफसरों से जानकारी मांग रही है। उसका फोकस ऐसे नामों पर भी है, जिनकी संलिप्तता की बातें तो खूब उछलीं, लेकिन वे जांच से अप्रभावित रहे। सीबीआई अपनी पड़ताल में व्यापमं मामले के उन जिम्मेदार लोगों तक पहुंचना चाहती है, जो फैसलों को प्रभावित करने या इन्हें बदलने का रसूख रखते हैं तथा पूरे गड़बड़-झाले की ताकतवर कड़ी हैं।
जानकारों की मानें तो एसटीएफ ने अब तक सीबीआई की टीम को जो ब्योरा दिया है, उसमें आईएएस अधिकारी अजिता वाजपेयी पांडे, सेवानिवृत्त आईएएस रंजना चौधरी, आईपीएस अफसर आरके शिवहरे समेत चिकित्सा शिक्षा विभाग और व्यापमं में पदस्थ रहे नितिन महेंद्रा, पीयूष त्रिवेदी समेत अनेक छोटे-बड़े अफसरों के नाम सामने आए हैं।
इसी प्रकार पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा, लक्ष्मीकांत शर्मा तथा इनके स्टाफ में रहे अफसरों को भी अब सीबीआई की पूछताछ से गुजरना पड़ सकता है। कुछ विधायक भी इस जद में रहेंगे। पूछताछ में निजी कॉलेज के संचालकों को भी शामिल किया जाएगा। इनमें से कुछ लंबे समय से जेल में बंद हैं। इनसे पूछताछ के पहले सीबीआई पुख्ता होमवर्क कर रही है।
राजभवन तक पहुंचेगी सीबीआई
माना जा रहा है कि व्यापमं मामले में सीबीआई का रूख राजभवन की ओर भी होगा। चूंकि राज्यपाल के खिलाफ दायर एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल कर दिया है, इसलिए सीबीआई को उनसे पूछताछ करना लाजिमी हो गया है। इसमें राज्यपाल के बेटे की संलिप्तता भी सामने आई है। सीबीआई इस सबसे बड़ी पूछताछ के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से परामर्श भी मांग सकती है।
जांच से सनसनी
दो दिन से भोपाल में जारी सीबीआई की जांच से प्रशासनिक व राजनीतिक गलियारों में सनसनी है। यहां सीबीआई जांच टीम के मुखिया द्वारा कहा गया वाक्य-'देश को निराश नहीं होने देंगे" का असर साफ नजर आ रहा है। हालांकि सीबीआई प्रवक्ता आरके गौर के मुताबिक अभी जांच का पहला चरण है और मप्र के पुलिस अफसरों से जानकारियां जुटाई जा रही हैं। जांच का दायरा जैसे जैसे बढ़ेगा, सीबीआई टीम को भोपाल में कुछ लॉजिस्टिक्स (कार्यालय व अन्य संसाधन) की जरूरत होगी, इसके लिए मुख्यसचिव व डीजीपी से चर्चा जारी है।
व्यापमं मामला : रसूखदारों से सीबीआई कर सकती है पूछताछ
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