नई दिल्ली : भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद गंभीर हैं. वह हर भाषण में इसका जिक्र करते हैं. देश की भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने के मद्देनजर लोकपाल, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से जुड़े सभी फैसलों पर आखिरी मुहर नरेंद्र मोदी लगाएंगे.
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक नोट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री यूपीएससी के सदस्यों और चेयरमैन की नियुक्ति से लेकर इस्तीफे और निलंबन पर फैसला लेंगे. इसके अलावा भ्रष्टाचार विरोधी उपायों से जुड़े कानून और नीतियों, लोकपाल कानून और सीवीसी को संवैधानिक संस्था का दर्जा दिलाने पर मोदी ही फैसला करेंगे. आपको बता दें कि फिलहाल कार्मिक मंत्रालय के मुखिया प्रधानमंत्री ही हैं.
सूचना के अधिकार से जुड़े अहम नीतिगत फैसलों के अलावा ऑल इंडिया सर्विसेस के नए संविधान पर भी निर्णय लेने का अधिकार पीएम के पास होगा. आरटीआई एक्ट में किसी तरह के बदलाव के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी लेनी होगी. कैबिनेट के मुद्दों के ड्राफ्ट और अंतिम नोट पर आखिरी मुहर पीएम की होगी.
इस नोट में यह भी कहा गया है कि सीबीआई से जुड़े मामले, जैसे कि प्रत्यर्पण कार्यवाही, ग्रुप ए के कर्मचारियों की नियुक्ति से जुड़े दिशा-निर्देश और डीआईजी रैंक से ऊपर के अधिकारियों की दूसरे विभाग में पोस्टिंग पर फैसला कार्मिक मंत्रालय के राज्य मंत्री लेंगे. यह पद फिलहाल जितेंद्र सिंह के पास है. प्रधानमंत्री के पास आईएएस और केंद्रीय सचिवालय सेवा अधिकारियों, ग्रेड 1 और सीबीआई के ग्रुप एक अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकार होगा.
भ्रष्टाचार पर सख्ती...बिन मोदी के लोकपाल, सीवीसी और यूपीएससी में नहीं हिलेगा पत्ता
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