नई दिल्ली:सरकार सावरेन स्वर्ण बॉन्ड जारी करने की योजना का मसौदा जारी कर दिया है। इस योजना का उद्येश्य लोगों को सरकारी स्वर्ण प्रतिभूति में निवेश के लिए आकर्षित करना है ताकि सोने की मांग कम हो और व्यापार घाटा काबू में रहे। यह बॉन्ड सोने की कीमत से जुडा होगा और इसे डी-मैट (कागज रहित) रुप में प्रस्तुत किया जाएगा।
योजना के मसौदे में कहा गया है कि सावरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना को पेश कर सोने की खरीद पर लगाये जाने वाले कुछ धन को डीमैट स्वर्ण बॉन्ड की ओर मोेड़ा जा सकता है। देश में सालाना 300 टन सोने की छड़ और सिक्के की खरीद की जाती है। यह बॉन्ड सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक जारी करेगा।
मसौदे में कहा गया है, 'इसे जारी करने वाली एजेंसी बिचौलिया इकाइयों को वितरण की लागत और कमिशन का भुगतान करेगी। बाद में उसको इस पर हुआ खर्च सरकार द्वारा चुका दिया जाएगा।' प्रस्ताव के मुताबिक ये बॉन्ड सिर्फ देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जारी किए जाएंगे। बॉन्ड में निवेश की एक उपयुक्त सीमा तय की जाएगी और कोई एक व्यक्ति एक साल में 500 ग्राम से अधिक की खरीद नहीं कर सकता। इस रुपरेखा में यह कहा गया कि सरकार इस बॉन्ड पर छोटा ब्याज भी देगी यह दर स्वर्ण ऋण पर अंतर्राष्ट्रीय ब्याज दर से जोड़ा जाएगा। मसौदे में कहा गया, 'सांकेतिक तौर पर न्यूनतम सीमा दो प्रतिशत हो सकती है लेकिन वास्तविक दर बाजार निर्धारित होगी। परिपक्वता पर निवेशकों को रुपए में सोने के मूल्य के बराबर राशि मिलेगी।'
बॉन्ड पर ब्याज दर सोने के वजन (ग्राम में) के आधार पर देना होगा। ये बॉन्ड दो, पांच, 10 ग्राम या अन्य अंकित मात्रा के होंगे। इनकी न्यूनतम परिपक्वता अवधि पांच से सात साल होगी ताकि सोने की कीमत में मध्यम अवधि में होने वाले उतार-चढ़ाव से निवेशकों की रक्षा की जा सके। सरकार ने इस योजना पर दो जुलाई तक सार्वजनिक टिप्पणी मांगी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था, 'हालांकि भारत में अनुमानित तौर पर 20,000 टन से अधिक सोने का भंडार है और इसमें से ज्यादातर का न कारोबार होता है न ही मौद्रीकरण होता है। मैं सोने की खरीद के विकल्प के तौर पर सावरेन स्वर्ण बॉन्ड के रुप में एक वैकल्पिक वित्तीय परिसंपत्ति विकसित करना चाहता हूं।' भारत विश्व में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश में सालाना करीब 800-900 टन सोने का आयात किया जाता है। आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम के बाद सोने पर सबसे अधिक खर्च होता है।
स्वर्ण बॉन्ड का मसौदा जारी, लोगों के लिए फायदेमंद
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