लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरो में औसतन 5.47 प्रतिशत की बढोत्तरी कर दी जिनमें सभी श्रेणी के उपभोक्ता शामिल हैं मगर देहाती क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को इस बढ़ोत्तरी से मुक्त रखा गया है।

आयोग की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं को अब मौजूदा दर से 5.02 प्रतिशत अधिक भुगतान करना होगा जबकि देहात के उपभोक्ताओं को मौजूदा दरों पर ही बिजली दी जायेगी। फिलहाल शहरी क्षेत्रों के घरेलू उपभोक्ताओं को एक यूनिट के लिए औसतन 3.74 रूपये देने पडते हैं जो अब बढकर 3.92 रूपये हो जायेगा।

औद्योगिक उपयोग के लिए दी जा रही बिजली की दर में 5.04 प्रतिशत बढोत्तरी की गयी है जो अब प्रति यूनिट 7.07 की जगह 7.42 रूपये प्रति यूनिट हो जायेगी। व्यवसायिक उपयोग के लिए दी जा रही बिजली की दर में 5.16 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है जो अब प्रति यूनिट 7.06 से बढकर 7.43 हो जायेगी। नहरों के पम्प स्टेशनों की बिजली दर में सर्वाधिक 11.97 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है और अब यह प्रति यूनिट 6.69 रूपये की बजाय 7.49 रूपये हो गयी है।

देहाती क्षेत्रों में सिंचाई के लिए स्थापित निजी नलकूपों को दी जा रही बिजली की दरों में कोई बढोत्तरी नहीं की गयी है जबकि शहरी क्षेत्र में इसमें 2.73 प्रतिशत की वृद्वि की गयी है जो अब प्रति यूनिट 1.47 रूपये की बजाय 1.51 रूपये हो गयी है।

आयोग ने विद्युत बिलों के भुगतान के लिए एकमुश्त समाधान योजना समाप्त कर दी है। आयोग ने बिना मीटर के बिजली वाले उपभोक्तओं को मीटर लेने के लिए प्रोत्साहित करने की नीयत से विद्युत आपूर्तिकर्ता कम्पनी को निर्देश दिया है कि वे उन्हें अपनी तरफ से मीटर उपलब्ध कराये, जिसका शुल्क छह महीने के बिल के जरिए वसूला जाये। यह सुविधा 31 मार्च 2016 तक उपलब्ध रहेगी।

आयोग ने समय से बिलों का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को 0.25 प्रतिशत की छूट का भी घोषणा की है। बहरहाल विद्युत दरों को आपूर्ति के घंटों से जोड दिया गया है और यदि निर्धारित अवधि से अधिक आपूर्ति की जाती है तो एक वर्ग विशेष के उपभोक्ताओं को थोडी अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।