मुंबई : इन्फोसिस ने आज आर शेषशायी को कंपनी का गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की घोषणा की। ब्रिक्स बैंक के अध्यक्ष के लिए नामित होने के बाद केवी कामत ने यह पद छोड़ दिया है। शेषशायी साल 2011 से इन्फोसिस बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के तौर पर शामिल रहे हैं और वह तत्काल प्रभाव से अपना पदभार संभालेंगे। पिछले महीने भारत सरकार ने ब्रिक्स बैंक के पहले चेयरमैन के तौर पर कामत तो नामित किया है। कामत आईसीआईसीआई बैंक के भी गैर-कार्यकारी चेयरमैन थे और उन्हें नई भूमिका ग्रहण करने के लिए इस पद से भी इस्तीफा देना होगा।
कामत ने एक बयान में कहा, 'इन्फोसिस के बोर्ड सदस्य और उसके चेयरमैन के रूप में अपनी सेवाएं देखकर मैं गौरवान्वित अनुभव करता हूं। बोर्ड ने मेरे उत्तराधिकारी के रूप में शेषशायी के नाम का बिल्कुल उचित चयन किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के नेतृत्व का उनका वृहत अनुभव और पिछले चार साल के दौरान इन्फोसिस में उनके योगदान को देखते हुए यह बिल्कुल सही फैसला है।'
शेषशायी पेशे एक चार्टर्ड अकाउंटेंट थे और उन्होंने 1971 में हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड से अपने करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद 1976 में वह अशोक लीलैंड से जुड़ गए जहां अप्रैल 1998 में उन्हें प्रबंध निदेशक बनाया गया। फिलहाल वह अशोक लीलैंड के गैर-कार्यकारी वाइस चेयरमैन और इंडसइंड बैंक के चेयरमैन भी हैं। इन्फोसिस में वह लेखा समिति के चेयरमैन भी हैं। शेषशायी ने कहा, 'इन्फोसिस एक प्रतिष्ठिïत कंपनी है और मुझे इस पद के लायक समझने के लिए मैं कामत और बोर्ड को धन्यवाद देता हूं। अपनी इस जिम्मेदारी पर पर्याप्त समय और ध्यान देने के लिए मैं अपनी अन्य मौजूदा जिम्मेदारियों को धीरे-धीरे कम करना चाहता हूं।' उन्होंने कहा, 'मैं इन्फोसिस के बोर्ड और प्रबंधन टीम के साथ करीबी से काम करूंगा।'
इन्फोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन बने शेषशायी
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