मथुरा। श्रद्धा-आस्था उछाल मार रही थी, कौतूहल-उत्सुकता बेकाबू हो रही थी। रंग-बिरंगी रोशनी स्वागत करने को बेचैन थी, तो फूलों की सजावट मनमोहक खुशबू बिखेर रही थी। मध्य रात्रि को जैसे ही घड़ी की सुइयां एकाकार हुईं, प्रभु के प्राकट्य का शंखनाद हो गया। घंटे-घड़ियाल गूंजने लगे। शील-शक्ति और सौंदर्य के महानायक कान्हा का अवतार हो गया। रत्‍‌न जड़ित 'मयूराम्बर' पोशाक में 'श्रीनिकुंज' पर विराजमान लाला की झलक पाने को श्रद्धालुओं में होड़ मच गई।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर इस मनोरम नजारे को नेत्रों में कैद करने के लिए देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु उतावले थे। हों भी क्यों ना, कृपा की मूरत श्रीकृष्ण का 5240वां जन्मोत्सव जो था। भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक श्रीकृष्ण सौंदर्य और कलाओं के परमपुरुष हैं, तो लक्ष्यगामी, दृढ़निश्चयी, नीति-निपुण, न्याय और मर्यादा के प्रतिष्ठापक भी। लोक रंजक हैं, तो लोक रक्षक भी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर जन्म महाभिषेक का मुख्य व अलौकिक कार्यक्रम रात्रि 11 बजे से भगवान श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से शुरू हुआ। कमल के फूल और तुलसी दल से सहस्त्रार्चन हुआ।

11.59 बजे प्राकटय दर्शन हेतु पट बंद कर दिए गए और रात्रि बारह बजते ही भगवान के प्राकट्य के साथ संपूर्ण मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे बज उठे। इसके बाद प्राकट्य महाआरती हुई, जो 12.10 बजे तक चली। केसर आदि सुगंधित द्रव्यों से लिपटे भगवान के चल विग्रह अभिषेक स्थल पर पधारे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, श्रीकृष्ण जन्मभूमि संस्थान के प्रबंध न्यासी अनुराग डालमिया ने श्री विग्रह का महाभिषेक किया गया, जो रात्रि 12.15 से 12.30 बजे तक चला। 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती के दर्शन कराए गए। जन्म के दर्शन रात्रि डेढ़ बजे तक कराए गए। इस दौरान प्रभु को अर्पित पुष्प और प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।

इससे पूर्व सोमवार प्रात: श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास और का‌िर्ष्ण गुरुशरणानंद ने लाला को टीका और पुष्पार्चन किया। इस मौके पर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने कहा कि देवता भी ब्रजवासियों के सौभाग्य से चिढ़ते होंगे। भगवान प्राणी मात्र के हितैषी हैं। सत्संग से ही भगवान को जान सकते हैं। सत्संग को जीवन में धारण करना चाहिए। का‌िर्ष्ण गुरु शरणानंद ने कहा कि ब्रजवासियों का सौभाग्य है कि भगवान ने ब्रज में जन्म लिया। सांसद हेमामालिनी ने कहा कि मथुरा में भाग्यशाली जन्म लेते हैं। इससे पूर्व भजन गायक कीर्तिकिशोरी ने भजन गाकर श्रद्धालुओं को उत्साह से लबरेज कर दिया।