भोपाल । हबीबगंज से बीना के बीच बिछाई जा रही तीसरी रेल लाइन में बरेठ-मंडी बामोरा के बीच करीब 19 किमी के सेक्शन में ट्रेन चलाने की अनुमति मिल गई है। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने मंगलवार को इस सेक्शन में ट्रायल के बाद ट्रेन चलाने की मौखिक मंजूरी दी है, लेकिन उन्होंने लाइन बिछाने के काम में कई जगह पटरियों के जोड़ सही नहीं मिलने और मिट्टी की कठोरता कम होने जैसी खामियां भी पकड़ी हैं। उन्होंने मौके पर मौजूद आरवीएनएल के अधिकारियों से नाराजगी भी जाहिर की। पूरी व्यवस्थाएं दुरस्त करने के बाद ही लिखित मंजूरी मिलने के आसार हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस सेक्शन मे 120 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर ट्रायल किया गया है। सीआरएस ने पटरी, उसकी नीचे की बिछाई गई मिट्टी और ओएचई लाइन ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने पटरियों के जोड़ने वाले वेल्डिंग्स की अल्ट्रा सोनिक मशीन से दोबारा जांच कराई। इसमें 14 फीसदी जोड़ सही नहीं मिले। उन्होंने सभी जोड़ दुरुस्त करने के लिए कहा है। इसके बाद सीआरएस बख्शी ने पटरी के नीचे मिट्टी की जांच की। मिट्टी की कठोरता (मोइश्चर कंटेंट) 93 फीसदी मिला, जबकि यह 98 फीसदी होना चाहिए। उन्होंने सिग्नलिंग विभाग के काम में भी नाराजगी जाहिर की। नान इंटरलॉकिंग जिस तरह करने के लिए सीआरएस ने कहा था, वैसा नहीं मिला। इसके लिए उन्होंने आरवीएनएल के जीएम एसएंडटी (सिग्नल एवं टेलीकाम) पर नाराजगी जाहिर की। सीआरएस ने मौके पर मौजूद आरवीएनएल के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर (सीपीएम) पंकज सक्सेना से कहा कि प्रोजेक्ट का काम तय मापदंडों के अनुसार ही होना चाहिए, भले ही काम में ज्यादा समय लगे। उन्हें ओएचई लाइन के काम में भी कमी मिली है, जिस पर संबंधित अधिकारियों पर वे नाराज हुए। सीआरएस के सवालों का आरवीएनएल के अधिकारी जवाब नहीं दे पाए।

अब चालू होगा सूखी सेवनिया-निशातपुरा सेक्शन

तीसरी रेल लाइन में अब सूखी सेवनिया से निशातपुरा के बीच करीब 10 किमी का सेक्शन चालू किया जाएगा। सूखी-दीवानगंज के बीच 16 किमी का सेक्शन पहले ही चालू हो चुका है। इस तरह लगातार 26 किमी तक ट्रैक चालू होने के बाद विदिशा से भोपाल के बीच ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी।

अभी यह दिक्कतः ट्रैक नहीं मिलने के कारण ट्रेनों के बीच के स्टेशनों में रोकना पड़ता है। भोपाल स्टेशन में प्लेटफार्म पर जगह नहीं मिलने पर ज्यादातर ट्रेनों को आऊटर पर रोकना पड़ता है। कुछ ट्रेनों को निशातपुरा और कुछ को इसके पहले रोका जाता है।

यह होगा फायदाः निशातपुरा तक तीसरी लाइन बनने के बाद ट्रेनों को नहीं रोकना पड़ेगा। मौजूदा दो लाइनों में शताब्दी छोड़ बाकी ट्रेनों की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा है, जबकि तीसरी लाइन में 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार ट्रेन चलाई जा सकती है।