भोपाल। राज्य सरकार को सिर्फ वीवीआईपी और वीआईपी के जान-माल की चिंता है। यही वजह है कि मंत्रालय ही एक मात्र ऐसी बिल्डिंग है, जहां आपदा के लिए अलार्म व्यवस्था है। वजह, यहां पर मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव सहित प्रदेश के आला अफसर बैठते हैं।
मंगलवार दोपहर जब भूकंप के झटके महसूस हुए तो सिर्फ मंत्रालय में ही अलर्ट करने के लिए सायरन बजाया गया, जिससे मंत्रियों, अधिकारियों सहित कर्मचारी तुरंत बाहर निकल गए। मंत्रालय को छोड़कर अन्य भवन सतपुडा, विंध्याचल, पर्यावास भवन और नर्मदा भवन में आग लगने या भूकंप जैसी घटना पर तत्काल सूचित करने के लिए न तो अलार्म लगाए गए हैं और न ही कोई एनांउसमेंट सिस्टम है। इन सभी भवनों में हजारों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं। यह सभी बहुमंजिला इमारतें हैं, बड़ी आपदा होने पर सूचना मिलने में जरा-सी भी देरी हो जाए, तो बड़ी संख्या में जनहानि हो सकती है।
हमने आपदा से निपटने के लिए हर जिले का एक्शन प्लान बना लिया है। रही बात बड़े भवनों में चेतावनी के लिए अलार्म लगाने की तो हम सरकार को इसका सुझाव दे देंगे।
राजेश मिश्रा, कार्यपालक निदेशक आपदा प्रबंधन
अभी केवल मंत्रालय में ही अलार्म की व्यवस्था है। सतपुड़ा और विंध्याचल में इसके पहले अलार्म की आवश्यकता महसूस नहीं हुई। हाल ही में दो बार भूकंप के झटके को देखते हुए जल्द ही इन भवनों में अलार्म लगाने की व्यवस्था करा देंगे।
सीएस जैसवाल, कार्यपालन यंत्री राजधानी परियोजना प्रशासन
कुर्सी हिलने पर बाहर दौड़ पड़े मंत्री
भूकंप का पहला झटका आते ही मंत्रालय में बैठक ले रहे मंत्री कुर्सी छोड़कर बाहर की ओर दौड़ पड़े। सबसे पहले बाहर का स्र्ख करने वालों में वित्त मंत्री जयंत मलैया, उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और महिला एवं बाल विकास मंत्री माया सिंह थीं। इसके बाद नगरीय विकास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पीएचई मंत्री कुसुम महदेले, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन, श्रम मंत्री अंतर सिंह आर्य, जीएडी राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य और स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी मंत्रालय छोड़ अपने-अपने बंगलों पर चले गए। वहीं मुख्य सचिव ने अलार्म बजवाकर पूरा मंत्रालय खाली करवाया। इसके साथ ही सतपुड़ा-विंध्याचल सहित सभी बड़े भवनों को तत्काल खाली करवाने के निर्देश दिए।
अघोषित अवकाश
मंत्रालय, सतपुड़ा और विंध्याचल सहित अन्य बड़े भवनों में सुरक्षा गार्ड ने दोपहर 2.30 बजे तक अंदर जाने पर रोक लगाई, जिसके चलते कई अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए। वहीं भोजनावकाश के बाद मंत्रालय वापस आए अफसरों को न तो भृत्य मिले न ही कर्मचारी। ऐसे में मंत्रालय सहित अन्य भवनों में अफसर अपने कक्षों में बैठकर शाम 5 बजे तक टीवी देखकर टाइम पास करते नजर आए।
मंत्रालय छोड़ राजधानी की किसी भी बड़ी बिल्डिंग में अलार्म नहीं
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