नई दिल्‍लीः राफेल विमानों का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत में साझेदारी में अपनी यूनिट स्थापित कर सकती है। ऐसा भारत के दबाव के कारण संभव हो रहा है।

पिछले माह फ्रांस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया था। उस समय भारत ने यह शर्त रखी थी विमानों के भारत में निर्माण या तकनीक देने की शर्त पर ही उसके साथ सौदा आगे बढ़ सकता है।
मेक इन इंडिया के तहत निर्माण

अब खबर है कि डसॉल्ट कंपनी भारतीय कंपनी हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (एचएएल) की साझेदारी में उपक्रम स्थापित कर सकती है और भारत में राफेल विमानों का निर्माण कर सकती है। यदि कंपनी इसके लिए तैयार होती है तो भारत 126 राफेल विमानों के पुराने सौदे को अंजाम दे सकता है। क्योंकि मेक इन इंडिया के तहत यह सबसे बड़ा निर्माण होगा।

फ्रांस के रक्षा मंत्री पांच मई को भारत में

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस सिलसिले में बातचीत के लिए पांच मई को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां येवेस ली द्रियान भारत पहुंच रहे हैं। छह मई को वे रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल समेत से बातचीत करेंगे। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मौजूदा प्रावधानों के तहत डसॉल्ट को एमएएल या किसी अन्य कंपनी के साथ साझीदारी में उपक्रम स्थापित करने में मंजूरी मिलने में कोई अड़चन नहीं होगी।


इस प्रकार वह राफेल विमानों की बिक्री से होने वाली आय का 50 फीसदी तक भारत में निवेश कर सकती है। इससे जहां भारत को निवेश संबंधी फायदे होंगे वहीं वायुसेना के लिए भविष्य में और राफेल विमानों की खरीद और उनके रखरखाव करना संभव हो सकेगा।