काठमांडो। नेपाल में आए पिछले सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप आने के एक सप्ताह बाद भी कम से कम 1000 कनाडाई सहित बडी संख्या में कई देशों के नागरिक नेपाल देश के विभिन्न इलाकों में फंसे हुए हैं, विश्व के सात धरोहर स्थलों का केंद्र काठमांडो घाटी विदेशी पर्यटकों के लिए काफी पसंदीदा स्थल है, नेपाल में विनाशकारी भूकंप आने के एक सप्ताह बाद भी कम से कम 1000 कनाडाई सहित बडी संख्या में कई देशों के नागरिक नेपाल देश के विभिन्न हिस्सों में अभी तक फंसे हुए हैं, सात विश्व धरोहर स्थलों का केंद्र काठमांडो घाटी विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल है।
पिछले सप्ताह के शनिवार को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था जिसने इस घाटी को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है, इसके अलावा नेपाल में नीदरलैंड और इस्राइल सहित कई देशों के नागरिक भी फंसे हुए हैं, नेपाल से विदेशी लोगों को निकालने में जुटी निजी एयरलाइन स्पाइसजेट के अनुसार लगभग 1000 कनाडाई नागरिक जो ट्रेकिंग के लिए गए थे वे सब नेपाल में फंसे हुए हैं ।
निजी एयरलाइन्स स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह ने कहा, करीब 1000 कनाडाई नागरिक तब से फंसे हुए हैं जब वे काठमांडो के बाहर ट्रेकिंग के लिए गए थे, वे अब कनाडाई दूतावास से या विदेश मंत्रालय से सीधे संपर्क कर काठमांडो हवाई अड्डा पहुंचने की कोशिश कर रहे है, अतएव भारतीयों के अलावा हमें इन विदेशी नागरिकों को भी वहां से बाहर निकालने के अनुरोध मिल रहे हैं. एयरलाइन ने कहा कि वह 26 अप्रैल से औसतन तीन उडानें परिचालित कर रही है तथा राहत सामग्री, स्वयंसेवक और भूकंप प्रभावित लोगों को पहुंचा रही है।
सिंह ने कहा, धीरे धीरे, वे काठमांडो पहुंच रहे हैं तथा दूतावास एवं मंत्रालय भी भूकंप प्रभावित इस देश से उन्हें वापस पहुंचाने में समन्वय कर रहे हैं, इसके अलावा कुछ इतालवी नागरिक भी हैं जो नेपाल में फंसे हैं, सिंह ने बताया कि स्पाइसजेट कम से कम एक सात दिनों तक अपनी सेवा देता रहेगा और उसे उम्मीद है कि तबतक देश में एक प्रकार का स्थायित्व आ जाएगा, स्पाइसजेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एयरलाइन ने कलतक 18 उडाने परिचालित कीं।
सिंह ने कहा, सबसे पहले हम स्पेनिश नागरिकों को वापस लाये और स्पेन के राजदूत हमारे विमान से नई दिल्ली से काठमांडो आए, उसके अलावा, हम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों के स्वयंसेवकों, बचावकर्मियों और डाक्टरों को ला रहे हैं. उन्होंने कहा, हाल ही में हम 50 जर्मन बचावकर्मियों, खोजी कुत्तों, रेडक्रॉस तथा अन्य मानवीय संगठनों के कर्मियों को लेकर काठमांडो आए जर्मन दूतावास एवं जर्मन सरकार ने भी नेपाल में अपने कर्मचारी तथा बचाव टीम के प्रशिक्षित सदस्यों
को तैनात किया है तथा हवाई अड्डे के भूकंप सहायता बूथों पर भी लोग तैनात किए गए हैं।
यहां हवाई अड्डे पर तैनात जर्मन फेडरल एजेंसी फॉर टेक्नीकल रिलीफ की रैपिड डिप्लायमेंट यूनिट के एक सदस्य ने कहा, हम जर्मन दूतावास के साथ आपसी तालमेल कर रहे हैं तथा लोग अपने परिवार के लापता सदस्यों एवं दोस्तों के बारे में हमें ब्योरा दे रहे हैं, इस ब्योरे को दूतावास के डाटाबेस में रखा जा रहा है और दूतावास अन्य दूतावासों के साथ तालमेल कर हा है।
स्थिति से उत्पन्न चुनौती का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर माल को ले जाने वालें विमानों के लिए पार्किंग की दिक्कत है और दूसरा यहां एक ही रनवे है। उन्होंने कहा, हमें दूर दराज के क्षेत्रों में हेलीकॉप्टरों को ले जाने की जरुरत है क्योंकि विमान वहां नहीं पहुंच सकते, इसके अलावा हवाई अड्डे पर भारी माल पडा है।
विनाशकारी भूकंप प्रभावित नेपाल में फंसे हैं सैकड़ों विदेशी
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