अमरावती (नागपुर) : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में आज 15 किलोमीटर लंबी किसान पदयात्रा शुरू की और इस दौरान वह उन किसानों के परिवारों से भी मिल रहे हैं जिन्होंने आत्महत्या की है। इस दौरान वह किसानों और खुदकुशी कर चुके करीब 10 किसानों के परिवारों से मुलाकात करेंगे।

अमरावती जाने के लिए राहुल बुधवार रात ही दिल्ली से इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा कर नागपुर पहुंच गए थे। यहां से वह तड़के अमरावती के गुंजी गांव के लिए रवाना हो गए। नागपुर एमएलए हॉस्टल से सुबह करीब 5:45 बजे निकले राहुल सुबह करीब आठ बजे गुंजी गांव पहुंच गए।

इस दौरान कांग्रेस नेता का अभिवादन करने के लिए कोंधाली और तालेगांव में लोगों को सड़कों के किनारे पंक्तियों में खड़े देखा गया। राहुल गुंजी के लिए आगे जाने से पहले कुछ देर तालेगांव रूके। राहुल ने उनका अभिवादन करने वाले लोगों से बात की और उन्हें प्रभावित करने वाले मुद्दों और समस्याओं को जानने की कोशिश की।

राहुल ने गुंजी में नीलेश वाल्के और अंबादास वाहिले के परिजनों से मुलाकात की। इन दोनों किसानों ने हाल में आत्महत्या कर ली थी। राहुल की पदयात्रा का पहला पड़ाव गुंजी था जिसकी जनसंख्या 1,200 है। राहुल ने वहां अनाथालयों के बच्चों के एक समूह से भी मुलाकात की और उनसे कुछ देर बातचीत की।

इसके बाद राहुल शाहपुर गांव के लिए रवाना हो गए जो अमरावती जिले में गुंजी से पांच किलोमीटर दूर स्थित है जिसका महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस के वीरेंद्र जगताप प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके साथ महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण और कांग्रेस की राज्य इकाई के वरिष्ठ नेता हैं।

राहुल गांधी की किसान राजनीति के लिए विदर्भ के अमरावती की अहमियत इसलिए खास है क्योंकि ये जिला देश के अति पिछड़े जिलों में शुमार है जहां इसी साल जनवरी से अब तक 600 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। राहुल की यात्रा से पहले मंगलवार को जिले की मोर्शी तहसील में किसान गजानन शेषराव खोंगल ने कथित रूप से कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी विदर्भ दौरे पर निकले हैं। अमरावती में खुदकुशी करने वाले किसान परिवारों के बीच हमदर्दी जताने का काम राहुल गांधी ने उस वक्त भी किया था, जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी। साल 2008 में परमाणु डील पर बहस के वक्त राहुल ने कलावती के जरिए विदर्भ में किसानों की खुदकुशी का सवाल सुर्खियों में ला दिया था।