नई दिल्ली/काठमांडू: गत शनिवार को नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद जहां लोगों के हौसले टूट गए थे वहीं यहां बड़े पैमाने पर राहत अभियान शुरू करने के लिए गत मंगलवार को नेपाल ने भारत को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत की प्रतिक्रिया ‘ब्लैंक चेक’ देने जैसी रही।
नेपाल के मनोनीत राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने काठमांडू हवाई अड्डे पर जमा भीड़ को लेकर भी चिंता जताई जिसके कारण पीड़ितों तक सहायता पहुंचने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने राहत अभियान की शुरूआत की, जिसका अन्य देशों ने अनुसरण किया। भीषण भूकंप के बाद ‘ब्लैंक चेक’ देने के लिए हम भारत सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने हमारी मदद के लिए बहुत कुछ किया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों तक विशेष ट्रेनें चलाने का हमारा अनुरोध भी स्वीकार कर लिया है ताकि घर लौटने के इच्छुक लोग वापिस जा सकें। सेवाओं को मांग के आधार पर बढ़ाया जाएगा। हिमालयी राष्ट्र में चौबीसों घंटे जारी राहत कार्य में अवरोधों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि काठमांडू हवाई अड्डे पर भीड़ सबसे प्रमुख मुद्दों में है। इसके कारण राहत सामग्री ले जाने और सामान्य यात्री उड़ाने शुरू करने में दिक्कत आ रही है।
दीप कुमार उपाध्याय ने विश्वास जताया कि कुछ हद तक बिजली आपूर्ति बहाल कर ली जाएगी क्योंकि भारत और नेपाल दोनों देशों के बिजली ग्रिड अधिकारी लगातार इस दिशा में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति की पुनर्बहाली का अर्थ होगा संचार की पुन:बहाली, इससे वहां मौजूद परेशान लोगों में उर्जा का संचार होगा।
नेपाली दूतावास ने भूकंप प्रभावित लोगों के लिए नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर 18002700032 शुरू किया है, इसके लिए एक विशेष फेसबुक पेज ‘नेपाल, दूतावास नई दिल्ली’ भी शुरू किया है। दूतावास ने अपना राहत कोष भी शुरू किया है जिसमें नेपाल भूकंप त्रासदी के शिकार लोगों की मदद के इच्छुक लोग धन दान कर सकते हैं।
अमेरिका ने भी की भारत की तारीफ
अमेरिका ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संकट प्रबंधन द्वारा वैश्विक नेतृत्व के लिए भारत की मंगलवार को तारीफ की। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत ने हाल के कुछ सप्ताहों में पहले यमन और फिर नेपाल में अपने वैश्विक नेतृत्व को दर्शाया है, हम इसके लिए आभारी, प्रभावित और प्रेरित हैं।
भारत में अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए वर्मा ने कहा कि हाल में भारत व अमेरिका की ओर से एक-दूसरे देशों में हुए उच्चस्तरीय दौरे यह दर्शाते हैं कि भारत-अमेरिका की साझेदारी आने वाली सदी में, अकेले की तुलना में बेहतर उपलब्धि प्राप्त कर सकती है। गौरतलब है कि भारत लगातार नेपाल को इस संकट की घड़ी में हरसंभव मदद पहुंचा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि हम सब मिलकर नेपाल के आंसू पूंछेंगे।
भारत की मदद \'ब्लैंक चेक\' जैसी : नेपाल
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