प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो के जरिए देश के किसानों के साथ ‘मन की बात’ की। भूमि विधेयक को लेकर विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते मोदी ने कहा कि यह बिल कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए है। किसानों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में आकर गुमराह न हों।

किसानों के हितों को ध्यान में रखकर किया गया बदलाव : प्रधानमंत्री ने कहा कि 2013 में भूमि अधिग्रहण अधिनियम आनन-फानन में लाया गया था। इसमें कुछ खामियां रह गई थी। सरकार किसानों और गांवों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन कमियों को दूर करने का प्रयास कर रही है। संसद में दिए अपने बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में विधेयक में किसी भी बदलाव पर विचार के लिए तैयार है।

कानूनी हक मिलेगा : मोदी ने कहा कि यह भ्रम भी फैलाया जा रहा है कि किसानों को इस बिल में कोई कानूनी हक नहीं मिलेगा, वे अदालत में नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि यह सरासर झूठ है।  हिन्दुस्तान में कोई भी सरकार आपके कानूनी हक को छीन नहीं सकती। बाबा साहब आंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया है, उस संविधान के तहत आप देश की किसी भी अदालत में जा सकते हैं।

विरोधियों पर साधा निशाना : भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के बीच मोदी ने कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंन कहा कि जो लोग किसानों के हमदर्द बनकर आंदोलन चला रहे हैं, वह लोग आजादी के 60-65 साल भी भूमि अधिग्रहण के 120 साल पुराने कानून को चला रहे थे। अब सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को लोकसभा में बहुमत के बल पर पारित करा लिया, पर राज्यसभा में अभी विधेयक को मंजूरी नहीं मिली है।