सिरसा : जिले में स्वाइन फ्लू के तीन और मामले सामने आये हैं। जांच के लिए सैंपल दिल्ली के लैब में भेजा गया है। इससे आशंकित मरीजों की संख्या पांच हो गई है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को शहर के दो निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले। सूचना मिलने के बाद दोनों मरीजों के सैंपल लिये गये है। सैंपल जांच के लिए दिल्ली लैब भेजा गया। उधर दोनों मरीजों का इलाज प्राथमिक स्तर पर शुरू किया जा चुका है। दो दिन पूर्व तीन और आशंकित मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले हैं। इनके भी सैंपल लिए गए हैं और जांच के लिए दिल्ली लैब भेजा गया है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिए इस बारे में वे कुछ अधिक नहीं बता सकते। गौरतलब है कि सिरसा में इससे भी पहले चार मरीजों के सैंपल लिए गए थे। जिसमें से दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी, जबकि दो की नेगेटिव थी। पिछले सप्ताह ही स्वाइन फ्लू पीड़ित रानिया निवासी एक वृद्ध केवल कृष्ण की मौत हो चुकी है। हालाकि इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मृतक की मौत हार्टअटैक से हुई थी। स्वाइन फ्लू ठीक हो चुका था।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए दिए निर्देश

सिरसा अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वाइन फ्लू को लेकर किए जा रहे प्रयास व प्रबंध के बारे में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जानकारी हासिल की। उन्होंने जिले में चलाये जा रहे अभियान के बारे में भी पूछताछ की।

सोमवार को इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन के साथ माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. दीप लघु सचिवालय में स्थित वीडियो कांफ्रेंस के जरिए रूबरू हुए। बताया जा रहा है कि सिविल सर्जन से आला अधिकारियों को स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए प्रबंध के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए पंपलेट छपवाये गए हैं। सभी निजी अस्पताल पंबंधन को सहयोग देने को कहा गया है। मुफ्त दवाइयां बांटी जा रही है। इस बारे में वे लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में भी हैं।

सावधानी जरूरी

सिविल सर्जन सुरेद्र नैन ने बताया कि स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है , इस रोग के लक्षण व इससे बचने के लिए कुछ सावधानिया का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। किसी प्रकार से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू से बचने के लिए हमें कुछ सावधानिया रखनी बहुत जरुरी है। अपने हाथ बार बार साबुन से अच्छी तरह साफ करे। छींकते व खंासी के समय रुमाल मुह पर रखें,अगर किसी को खासी-जुकाम है तो उससे लगभग एक मीटर की दूरी पर रहे। खंासी व जुकाम के समय दूसरे से बात करते समय अपने मुह पर रूमाल अवश्य रखें तथा खंासी -जुकाम दो तीन दिन में ठीक न हो तो सामान्य अस्पताल , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सम्पर्क करे। उन्होंने बताया कि पूरी तरह नींद लें, ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ ले तथा तनावमुक्त रहे।

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

स्वाइन फ्लू के लक्षणों के बारे में उन्होंने बताया कि बुखार के साथ नाक बहने शुरू हो जाती है। काली खांसी व गले में खराश, सास लेने में कठिनाई, जोड़ो व सिर में दर्द, थकावट व सिर में सर्दी लगना, थूक के साथ खून आना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएं, पाच वर्ष से कम आयु के बच्चे व 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति तथा लंबी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति अधिक प्रभावित हो सकते है।