
फिल्म निर्माण के दौरान कलाकारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध होगा-मंत्री सुश्री ठाकुर
कलाकारों के कौशल उन्नयन के लिये "द एक्सपर्ट शॉट्स" कार्यशाला आयोजित
पर्यटन, संस्कृति और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि भारत का ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश नवाचारों के लिए जाना जाता है। प्रदेश के कलाकारों के कौशल उन्नयन और रोजगार उपलब्ध कराने की पर्यटन विभाग की यह पहल निश्चित ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का आधार बनेगी। सुश्री ठाकुर मिंटो हॉल में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय शिक्षण और इंटरैक्टिव सत्र "द एक्सपर्ट शॉट्स" कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित कर रही थी। सुश्री ठाकुर ने कहा कि कार्यशाला में सिनेमा जगत की विभिन्न विधाओं और तकनीक के प्रशिक्षण एवं ज्ञान के साथ युवाओं को अनुभवी और प्रतिष्ठित कलाकार के जीवन संघर्ष और अनुभवों से प्रेरणा भी मिलेगी। प्रदेश में फिल्म निर्माण के दौरान कलाकारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध होगा।
सुश्री ठाकुर ने कहा कि फिल्म और वेब सीरीज जैसे कंटेंट न सिर्फ मनोरंजन का साधन है बल्कि संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रीयता के संचार और संरक्षण का माध्यम भी है। 'आजादी के अमृत महोत्सव' के अवसर पर सुश्री ठाकुर ने प्रदेश से जुड़े निर्देशक, प्रोड्यूसर और प्रतिष्ठित कलाकारों से आग्रह किया कि प्रदेश से संबंधित स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, वीर बलिदानियो और महापुरुषों के जीवन पर आधारित फिल्म और वेब सीरीज का निर्माण करें। इससे प्रदेश की भावी पीढ़ी वीर क्रांतिकारियों और महापुरुषों के जीवन संघर्ष, बलिदान और भारत के स्वर्णिम इतिहास से परिचित हो सकेगी।
प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री ने प्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य, लोगों की आत्मीयता और वर्क कल्चर को सराहा है। पिछले वर्षों में मध्यप्रदेश में अच्छे फ़िल्म प्रोजेक्ट संपन्न हुए हैं। यह फिल्म प्रोजेक्ट और वेब सीरीज निर्माण युवाओं की उन्नति का माध्यम बने, यह सोचकर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के कलाकारों के शिक्षण और प्रशिक्षण के लिए नई पहल प्रारंभ की है। यह कार्यशाला फिल्म मेकिंग के ऑर्गेनिक इको सिस्टम के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।
पर्यटन बोर्ड की अतिरिक्त प्रबंध निदेशक श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में राज्य और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति 2020 लागू की गई है। इस नीति के तहत फिल्म मेकिंग के लिए अनुमति और अनुदान की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
जिससे प्रदेश में विभिन्न फिल्म, वेब सीरीज, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग में बढ़ोत्तरी हुई है। फिल्मों के निर्माण के दौरान प्रदेश के कलाकारों और युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ाने एवं संस्थागत रूप से कौशल संवर्धन करने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गयी है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्री अनुराग बसु ने कहा कि प्रतिष्ठित निर्देशक श्री प्रकाश झा ने मध्यप्रदेश में फिल्म निर्माण का वह सिलसिला शुरू किया जिसने फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े फिल्मेकर का ध्यान मध्यप्रदेश की ओर खींचा। अब मध्यप्रदेश फिल्म मेकिंग का सबसे फेवरेट डेस्टिनेशन बन गया है। यह कार्यशाला न सिर्फ प्रदेश के युवाओं के लिए लाभदायक होगी बल्कि फिल्म इंडस्ट्री को स्थानीय स्तर पर ही कुशल कलाकार उपलब्ध हो सकेंगे। यह फिल्म इंडस्ट्री और प्रदेश के कलाकारों, दोनों लिए ही विन-विन कंडीशन है।
ड्रीम गर्ल मूवी और कॉमेडी सर्कस जैसे सफल शो के लेखक और निर्देशक श्री राज शांडिल्य ने कहा कि भोपाल से उनका पुराना संबंध रहा है। उनकी इंजीनियरिंग भोपाल से हुई है और जीवनसाथी भी भोपाल से ही है। मध्यप्रदेश में उनके जीवन को बहुत कुछ दिया है। इसलिए मध्यप्रदेश के कलाकारों को सिनेमा जगत का हुनर सिखाने और प्रशिक्षण देने में उनकी विशेष दिलचस्पी है। श्री शांडिल्य ने कहा कि पर्यटन विभाग के इन प्रयासों से निश्चित ही मध्य प्रदेश सिनेमा जगत की नर्सरी बनकर उभरेगा।
कास्टिंग डायरेक्टर श्री मुकेश छाबड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में फिल्म इंडस्ट्री के लिए आवश्यक सभी कलाओं के जानकार और कलाकार उपलब्ध है। इस कार्यशाला के माध्यम से कलाकारों का कौशल और तकनीक उन्नयन हो सकेगा। प्रदेश के इस तरह के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से अन्य प्रदेश भी प्रेरणा लेंगे।
मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक श्री आलोक चटर्जी ने कहा कि सिनेमा जगत से जुड़े अनुभवी व्यक्ति एक चलते-फिरते नाट्य विद्यालय की तरह होते हैं। किताबों और रंगमंच की विधाओं के साथ-साथ वे सिनेमा जगत के संघर्ष से भी परिचित होते हैं। आशा है कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रदेश के संघर्षशील कलाकार प्रेरणा लेंगे और अपने कौशल में अधिक निखार लाने का सतत प्रयास करेंगे।
अभिनेता श्री शिवांकित सिंह परिहार ने कहा कि मध्यप्रदेश शुरू से ही उनका फेवरेट फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन रहा है। राजस्थान में कोविड-19 की परिस्थितियों के चलते कोटा फैक्ट्री के सीजन 2 की अधिकतर शूटिंग मध्यप्रदेश में हुई है। आगे भी मध्यप्रदेश में शूटिंग के लिए प्रोजेक्ट तैयार हैं। जिसमें मध्यप्रदेश के स्थानीय कलाकारों के कौशल का भरपूर उपयोग किया जाएगा।
कार्यशाला में फिल्म मेकिंग से सम्बंधित छात्र-छात्राओं को सिनेमा जगत के स्थापित कलाकारों के हुनर की बारिकियां सीखने और सिनेमा से सम्बंधित अपनी जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों के समाधान का अवसर मिला। वर्कशॉप मे आमंत्रित विशेषज्ञ वक्ताओं ने सिनेमा से सम्बंधित विषयों जैसे, अभिनेता का संपूर्ण विकास कैसे होता है? अभिनय के अलावा बाकी विधाओं की जानकारी, दैनिक रियाज़ – आंगिक/ वाचिक, शूटिंग के दौरान आने वाली चुनौंतिया, स्क्रिप्ट राइटिंग की बारीकियाँ, प्रोफाइल तैयार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स एवं फिल्म जगत के अनुभव आदि विषयों पर छात्र -छात्राओं से सीधे संवाद कर अपने अनुभव साझा किये।
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के संबंधित अधिकारी कर्मचारी और सिनेमा जगत से जुड़े हुए कलाकार और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।