अगर आपका बच्चा मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है तो सतर्क हो जाएं। बच्चे को दिए गए स्मार्ट फोन की जांच करें। आपका बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान वर्चुअल गेम ताे नहीं खेल रहा है या फिर हार-जीत की बाजी तो नहीं लगा रहा है। हाल ही में एक अध्ययन में पता चला कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे जुआ खेल रहे हैं और सट्टे में हजारों रुपए दांव पर लगा रहे हैं।
कोरोनाकाल में माता-पिता ने बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों को स्मार्ट फोन खरीद कर दिया है ताकि बच्चे पढ़ाई कर सकें। बच्चे आॅनलाइन जुए के शिकार हो रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे यू-ट्यूब या अन्य एप्लीकेशन पर सर्च करते हैं, वीडियो देखते हैं। क्लिक करते ही बच्चे किसी और पेज पर चले जाते हैं। एप डाउनलोड करते हैं।
अपने माता-पिता के क्रेडिट कार्ड का नंबर भी बता देते हैं, इससे ये लोग डॉलर के अनुपात में खाते से रुपए ट्रांसफर कर लेते हैं। कुछ माता-पिता के मोबाइल तो डेबिट और क्रेडिट कार्ड से सीधे जुड़े होते हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि ऐसे मामलों में पुलिस केस दर्ज नहीं करती है।
केस - 1
पांडेसरा में दसवीं में पढ़ने वाले बच्चे को जुए की लत लग गई
पांडेसरा में नौकरी करने वाले एक व्यक्ति का बेटा दसवीं में पढ़ता है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोबाइल पर लिंक आया। अब उसे ऑनलाइन जुए की लत लग गई है। जुआ खेलने के चक्कर में पिता के अकाउंट से 15 दिन में 40 हजार रुपए कट गए। पिता ने साइबर क्राइम में शिकायत की। जांच में पता चला कि बेटा ऑनलाइन गेम, जुए में रुपए हार गया।
केस - 2
डिंडोली में पुजारी के अकाउंट से 30 हजार रुपए कट गए
डिंडोली के एक पुजारी का बेटा दसवीं में पढ़ता है। आॅनलाइन पढ़ाई करने के लिए पुजारी ने बेटे को अपना मोबाइल दिया था। पढ़ाई के दौरान मोबाइल पर ऑनलाइन गेम का लिंक भेजा गया। बेटा गेम खेलने लगा और पिता के एटीएम से भुगतान भी कर दिया। इस दौरान पुजारी के अकाउंट से 30 हजार रुपए कट गए। ठगी सामने आने के बाद उसके होश उड़े गए।
मोबाइल पर विज्ञापन देखकर जुए की ओर प्रेरित होते हैं बच्चे
जानकारों का कहना है कि बच्चों के हाथ में जब मोबाइल होता है तब वे ऑनलाइन पढ़ाई पूरी करने के बाद गेम खेलने या वीडियो देखने लगते हैं। विज्ञापन के जरिए उनके अंदर एक क्यूरोसिटी होती है, जिससे वे ऑनलाइन जुआ खेलने लगते हैं। नियम न पढ़ पाने वाले बच्चे फंस जाते हैं।
सावधानी: बच्चों की हर हरकतों पर नजर रखें
साइबर एक्सपर्ट डॉ. स्नेहल वकीलना ने बताया कि माता-पिता ऑनलाइन क्लास के लिए लैपटॉप का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं। बच्चों को मोबाइल देते हैं। बच्चे मोबाइल पाते ही मनमानी करने लगते हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चों की हरकतों पर ध्यान देनी चाहिए। पैरंेटल लॉक वाला डिवाइस आता है, माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को यही मोबाइल दें। इससे ठगी से बच सकते हैं।