सरकार को एयर इंडिया के लिए 15 सितंबर तक बोलियां मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी ग्राहकों को कितने में ऑफर की जाएगी, उसके लिए रिजर्व प्राइस बोलियां मिलने के बाद तय किया जाएगा।

FII/FPI को LIC में प्री-IPO इनवेस्टमेंट की इजाजत मिल सकती है
खबर यह भी है कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC के प्री-IPO फंडिंग प्रोग्राम में विदेशी निवेशकों को पैसा लगाने की इजाजत दे सकती है। कंपनी में IPO से पहले FII/FPI यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर/फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर को निवेश करने की इजाजत देने पर फिलहाल विचार किया जा रहा है। इंश्योरेंस में FDI की लिमिट LIC पर लागू नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि LIC एक्ट में कंपनी में विदेशी निवेश के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

एयर इंडिया के लिए 15 सितंबर तक बिड मिलने की उम्मीद
केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने जुलाई में संसद को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कंपनी के लिए 15 सितंबर तक फाइनेंशियल बिड मिलने की उम्मीद जताई थी। उन्होंने कहा था कि पिछले साल 14 दिसंबर तक अभिरुचि पत्र (EoI) देने की अंतिम तारीख तय की गई थी। EY को कई कंपनियों की EoI मिले थे। वीके सिंह ने कहा था कि निजीकरण के बाद एयरलाइन की चल संपत्तियां नए मालिक के हवाले कर दी जाएंगी। कंपनी का कर्ज घटाने के लिए उसकी अचल संपत्तियों को मोनेटाइज किया जा रहा है।

देनदारियां 2024-25 तक 20 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती हैं
एविएशन कंसल्टेंसी फर्म कापा इंडिया ने अपने इंडिया एविएशन आउटलुक FY22 में कहा था कि कंपनी की देनदारियां 2024-25 तक 20 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती हैं। इसमें कोविड के चलते FY21 और FY22 के दौरान हुआ उसका घाटा भी शामिल होगा। एयर इंडिया 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय के बाद से कभी नेट प्रॉफिट में नहीं रही है। कंपनी को मार्च 2021 में खत्म तिमाही में 9,500- 10,000 करोड़ का घाटा होने का अनुमान लगाया गया है।

इसी वित्त वर्ष एयर इंडिया में पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है सरकार

सरकार यह वित्त वर्ष खत्म होने से पहले एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देना चाहती है। हालिया जानकारी के मुताबिक टाटा ग्रुप होड़ में सबसे आगे थी और स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह निजी तौर पर बोले देने के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए थे।