
नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर और झारखंड में जारी मतगणना के दौरान मिले कुछ परिणामों और सभी रुझानों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को खुशगवार नतीजे मिलते दिखाई दे रहे हैं। एक ओर जहां झारखंड में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिल सकता है, वहीं जम्मू एवं कश्मीर में भी खासी कामयाबी उसके कदम चूमने जा रही है, हालांकि अगर उसे सत्तासीन होना है, तो उसे पीडीपी से गठजोड़ करना होगा, जिसके संकेत मंगलवार को पीडीपी प्रवक्ता ने दिए।
मतगणना के दौरान ही एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए पीडीपी के प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि उनकी पार्टी का चुनाव परिणामों के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस या कांग्रेस के साथ जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। पीडीपी के इस बयान को बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
जम्मू एवं कश्मीर में पूर्वाह्न 11:30 बजे तक सभी 87 विधानसभा सीटों के रुझान हासिल हो चुके थे, जिनमें से 30 पर पीडीपी, 24 पर बीजेपी, 14 पर कांग्रेस, 13 सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा छह सीटों पर अन्य प्रत्याशी आगे चल रहे थे। उधर, झारखंड में भी इसी वक्त तक सभी 81 रुझान मिल चुके थे, जिनमें से 38 बीजेपी+ के पक्ष में हैं, जबकि 22 सीटों पर जेएमएम+, आठ पर कांग्रेस+, आठ सीटों पर जेवीएम+, तथा पांच सीटों पर अन्य प्रत्याशी आगे हैं।
दोनों राज्यों में पांच-पांच चरणों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद मतगणना का काम मंगलवार सुबह आठ बजे से शुरू हुआ है, और उम्मीद की जा रही है कि दोपहर बाद तक सभी नतीजे आ जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की सभी 87 सीटों के लिए वोटों की गिनती का काम सुबह साढ़े सात बजे ही शुरू हो गया था। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने गए और उसके बाद आठ बजे से ईवीएम मशीनों में बंद वोटों को गिनने का काम शुरू हुआ।
श्रीनगर के शेरे-कश्मीर इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर में जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों के वोटों की गिनती का काम जारी है। वादी की 46 सीटों पर पड़े वोटों की गिनती के लिए चार काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें श्रीनगर के अलावा हंडवारा, बडगाम और अनंतनाग शामिल हैं, जबकि जम्मू संभाग की 37 सीटों के नतीजों के लिए जम्मू, पुंछ और उधमपुर में वोटों की गिनती का काम चल रहा है।
जम्मू-कश्मीर की 87 सीटों के लिए सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच चौतरफा मुकाबला है। आतंकवाद प्रभावित इस इलाके की सभी सीटों पर कुल मिलाकर 821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और वर्ष 1987 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य की जनता ने इतने ज़्यादा उत्साह के साथ वोटिंग की है।
दूसरी ओर, झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए कुल 1,136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के जरिये सामने आएगा। राज्य के गठन के बाद से अब तक कुल 14 सालों में यहां नौ अलग-अलग सरकारों का राज रहा है, जबकि राज्य में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लागू किया गया।
चुनाव परिणामों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में भारी बेचैनी देखी गई और सुबह से ही नेता लोग मंदिरों, मस्जिदों और गिरिजाघरों में पहुंचते देखे गए। झारखंड में इसी क्रम में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में माने जाने वाले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी सिंह सबसे पहले मंदिर पहुंचे।
वैसे, परिणाम आने से पहले अगर एग्जिट पोल की मानें तो झारखंड में बीजेपी को बहुमत मिलता नज़र आ रहा है, जबकि वहीं जम्मू-कश्मीर में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है, और राज्य में बीजेपी के दूसरे नंबर की पार्टी बनने का अनुमान है।