नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र आज यानि 24 नवंबर से शुरू होने जा रहा है जो 23 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान सिर्फ 22 बैठकें होंगी. इसमें चार दिन गैर सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किये गये है.संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार कई विधेयक पास करने की तैयारी में है. इसमें बीमा विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर विधेयक सहित 39 विधेयकों के आने की संभावना है. सरकार इस सत्र में अधिक से अधिक विधयेकों विशेष रूप से आर्थिक और श्रमिकों से जुड़े विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी. दोनों सदनों में बड़ी संख्या में विधेयक लंबित हैं और सरकार कुछ नए विधेयक भी लाना चाहती है.विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के बीच बढ़ती एकजुटता के कारण सरकार के लिए सदन को सुचारू ढंग से चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.लोकसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कपिल कृष्णा ठाकुर और हेमेन्द्र चन्द्र को सभी सांसद श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद दिन भर के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी.
राज्यसभा में हाल में ही निर्वाचित सांसदो को शपथ दिलाई जाएगी. राज्यसभा के तीन पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. केन्द्र सरकार आज राज्यसभा में प्रस्ताव लाएगी जिसमें बीमा विधेयक के लिए बनी प्रवर समिति में दो नए सदस्यों की नियुक्ति होगी क्योकि समिति के दो सदस्य सरकार में शामिल हो गये है.बीजेपी सूत्रों के मुताबिक प्रवर समिति में वीपी सिहं बड़नोर और आर रामकृष्णा मुख्तार अब्बास नकवी और जेपी नड्डा की जगह ले सकते है.संसद सत्र के दौरान ही झारखंड और जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे. भाजपा दोनों राज्यों में बेहतर प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त है. जम्मू एवं कश्मीर में अगर उसे जीत नहीं मिली तो उसको भरोसा है कि वह 'किंगमेकर' की भूमिका में जरूर आएगी.
विपक्ष का नया समूह
इस सत्र में समाजवादियों का एक नया समूह भी विपक्ष के रूप में दिखेगा. पिछले दिनों समाजवादी पार्टी, जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल(सेक्युलर) ने एक बैठक में हाथ मिलाने का फैसला किया था.जनता दल (युनाइटेड) के के.सी.त्यागी ने कहा, "इन दलों के बीच एक समन्वय दिखेगा." उन्होंने कहा कि सरकार अगर बीमा संशोधन विधेयक पारित कराने की कोशिश करेगी तो राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से उसे कठिन हालातों का सामना करना पड़ेगा.विधेयक में बीमा क्षेत्र में वर्तमान 26 फीसदी की जगह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 49 प्रतिशत करने की बात कही गई है. राज्य सरकारों ने वस्तु एवं सेवा कर को लेकर चिंता जताई है. मनरेगा और भूमि अधिग्रहण विधेयक को भी कमजोर करने की सरकार की कोशिश को लेकर आपत्तियां हैं.
कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने कहा कि उनकी पार्टी बीमा और जीएसटी विधेयक पर बीजेपी की कथनी-करनी को उजागर करेगी. कांग्रेस इसके साथ ही काला धन का मुद्दा भी उठाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो कदम लोगों के हित के लिए उठाए जाएंगे उसका वे समर्थन करेंगे.केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार विपक्ष के साथ मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. हम विपक्षी पार्टियों के साथ समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे.संसद के कामकाज का लेखा-जोखा रखने वाली एक शोध संस्था, पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च के मुताबिक सदन में फिलहाल 67 विधेयक लंबित हैं. पीआरएस लेजिसलेटिव की श्रेया सिंह ने कहा कि 15वीं लोकसभा के अंत में कई विधेयक समाप्त हो गए.
संसद का शीतकालीन सत्र आज से होगा शुरू
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