जयपुर. बारिश के दौर में यदि आप जयपुर की सड़कों (Roads of Jaipur) से गुजर रहे हैं या वाहन भी चला रहे हैं तो थोडा संभल जाइए. जयपुर शहर में लगातार सड़क धंसने (submerge) के नित नये मामले सामने आ रहे हैं. सड़क भी कोई मामूली नहीं धंसती है बल्कि, कई फीट चौड़ी और गहरी धंसती है. इसमें दुपहिया (Two wheeler)  वाहन से लेकर चौपहिया वाहन तक समा सकते हैं. राजधानी जयपुर की सड़कें बारिश के दौर में जानलेवा साबित हो सकती है. क्योंकि यहां सड़कों पर कदम-कदम पर खतरा है और वो भी एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी यानी की मानसरोवर में. इस इलाके में बारिश के दौर में अक्सर सड़क धंसने के मामले सामने आते हैं.


जयपुर के मानसरोवर के थड़ी मार्केट में 1 अगस्त को सड़क धंस गई. इससे पहले विजय पथ इलाके में 31 जुलाई को सड़क धंसने का मामला सामने आया. करीब एक हफ्ते पहले द्वारकादास पार्क के पास भी सड़क धंस चुकी है. माना जा रहा है कि अक्सर ड्रेनेज सिस्टम या पानी की लाइन लीक होने के कारण सड़क धंसने का मामला सामने आते हैं. लेकिन सरकारी स्तर पर होने वाली इस गलती का खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ता है.


बस मिट्टी के कट्टों से चलाया जा रहा है काम
मानसून के दौर में सड़क धंसने की शिकायत आते ही उनमें नगर निगम फिलहाल मिट्टी के कट्टे  और अन्य सामग्री से उसे भरता है. क्योंकि बारिश में सड़क की रिपेयरिंग सम्भव नही हो पाती है. आपको बता दें कि मानसरोवर को हाउसिंग बोर्ड ने कई साल पहले बसाया था. उसके बाद ये कॉलोनी नगर निगम को ट्रान्सफर की गई थी. लेकिन पिछले कई बरसों से इस इलाके में सड़क धंसने के मामले सामने आते रहे हैं.


शिकायतें मिलने पर तुरंत कराते हैं दुरुस्त
मानसरोवर के अलावा कई और जगह भी बारिश के मौसम में सड़क धंसने या टूटने के मामले सामने आ रहे हैं. सड़कों पर बने गड्डे दुर्घटना का सबब बन रहे हैं. इस बारे में ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक मेयर शील धाभाई का कहना है कि ऐसी शिकायतें आते ही उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए हुए हैं. पुरानी ड्रेनेज लाइन पर पड़ते दबाव और पानी की लाइन के लीकेज को भी वे इसकी वजह मानती हैं.