जयपुर. राजधानी जयपुर (Jaipur) के बापू बाजार में न्यू गेट के पास तेज बारिश के कारण 100 बरस से भी पुराना एक बरगद का पेड़ (Banyan Tree) अचानक गिर पड़ा. पेड़ के नीचे दबने से 60 वर्षीय साइकिल सवार एक बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गयी. कई टन वजनी ये पेड़ जब गिरा तो उस वक्त यहां मौजूद सिग्नल पर ग्रीन लाइट हुई ही थी. इससे वहां काफी लोग खड़े थे. पेड़ की जद में आने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गये. एक कार में मौजूद ड्राइवर ने वक्त रहते भाग कर जान बचाई, लेकिन बदकिस्मती से साइकिल सवार बुजुर्ग इसकी चपेट में आ गया. करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुजुर्ग को पेड़ के नीचे से निकाला जा सका.
जानकारी के अनुसार सोमवार को शहर में जोरदार बारिश हो रही थी. जगह-जगह पानी भरने से सिटी में कई जगह जाम की स्थिति थी. इसी दौरान न्यू गेट के पास लगा पुराना बरगद का पेड़ अचानक गिर पड़ा. इससे एक बुजुर्ग और कई वाहन इसकी चपेट में आ गये. हादसे के कारण वहां अफरातफरी का माहौल हो गया. सूचना पर प्रशासन ने आनन फानन में SDRF और पुलिस की टीम मौके पर भेजी. पेड़ को हटाने के लिये 3 क्रेन लगाई गई. कटर की सहायता से करीब 50 से ज्यादा लोगों की टीम ने डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पेड़ के नीचे दबे बुजुर्ग के शव को निकालकर उसे सवाई मानसिंह अस्पताल में मुर्दाघर में पहुंचाया. हादसे में मारे गए बुजुर्ग की पहचान शहर के हरनाथपुरा देवीनगर बन्नेसिंह राठौड़ के रूप में हुई.
पूरी रात पेड़ को छोटे छोटे टुकड़ों में काटा गया
बरगद का यह पेड़ करीब 100 वर्ष पुराना बताया जा रहा है. ये पेड़ काफी वजनी था. इसके गिर जाने से पूरी रोड ब्लॉक हो गयी. नगर निगम और जिला प्रशासन समेत पुलिस की टीम पूरी रात पेड़ को छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर रास्ता साफ करने में जुटी रही. कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि हाल ही में पेड़ के पास वायरिंग के लिए खुदाई की गई थी. आशंका जतायी जा रही है कि इस खुदाई में पेड़ जड़ें कट गई थी. बरगद का पेड़ अपनी मजबूत जड़ों की वजह से ही खड़ा होता है. इस खुदाई के बाद लगातार बरसात का दौर जारी रहा. इससे पेड़ की जड़ के आस पास मिट्टी का कटाव हो गया.
इसे दुबारा लगाने की कोशिश की जायेगी
नगर निगम वन विभाग के विशेषज्ञों की मदद से कोशिश करेगा कि इस पेड़ के तने जड़ के साथ जयपुर के आसपास नाहरगढ़ या झालाना के जंगल मे फिर रोपित किया जाये ताकि ये बरगद जीवित रह सके. इससे पहले भी चारदीवारी के कुछ बरगद सफलता पूर्वक नाहरगढ़ और झालाना वन क्षेत्र में लगाये चुके हैं.