कोटा। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने कोरोना काल में भी विद्यार्थियों को फीस में कोई राहत नहीं दी। हालाकि कॉलेज में शिक्षा का कार्यक्रम ऑनलाइन मोड में चला। यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों से 14 करोड़ 43 लाख 97 हजार की धनराशि ट्यूशन फीस एवं संस्थान विकास शुल्क के नाम से वसूल की है। विद्यार्थियों से यह धनराशि 01 जनवरी 2020 से 25 अप्रेल 2021 के मध्य ली गई। इसका खुलासा आरटीयू के ही एलुमनाई एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता सुजीत स्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से किया है। सुजीत स्वामी ने आरटीयू से पूछा था कि कोरोना काल में विद्यार्थियों से कितनी धनराशि ट्यूशन फीस एवं संस्थान विकास शुल्क के नाम पर ली गई है। क्या कोई राहत विद्यार्थियों को दी गयी है?
इसके उत्तर में आरटीयू के चीफ प्रॉक्टर ने बताया की 1 जनवरी 2020 से 25 अप्रैल 2021 के मध्य तीन सेमेस्टर के जरिये संस्थान विकास शुल्क से यूनिवर्सिटी ने बीटेक, एमटेक, एमबीए एवं पीएचडी कोर्स में पंजीकृत 4331 विद्यार्थियों से कुल 4 करोड़ 58 लाख 32 हजार 60 रुपये एकत्र किये। यूनिवर्सिटी ने इस दौरान विद्यार्थियों से 9 करोड़ 85 लाख 65 हजार 217 रुपये ट्यूशन फीस से प्राप्त किये। सेल्फ फाइनेंस सीट पर प्रति विद्यार्थी 21000 रुपये सालाना जबकि गवर्नमेंट एडेड सीट पर प्रति विद्यार्थी सालाना 15000 रुपये संस्थान विकास शुल्क के रूप में विद्यार्थियों से दो किश्तों में लिए जाते है, जबकि 49000/- रुपये सालाना ट्यूशन फीस के बीटेक वाले प्रति विद्यार्थी दो किश्तों में वसूले जाते हैं। प्रति किश्त 24500 रुपये सेमेस्टर लिए जाते हैं। चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों को कोई छूट नहीं दी गयी है। सुजीत स्वामी का कहना है की यूनिवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस एवं संस्थान विकास शुल्क की राशि में 50 फीसदी तक की छूट देकर कोरोना काल में राहत पहुंचानी चाहिए। जब संस्थान में भौतिक रूप से पढ़ाई बंद होकर ऑनलाइन मोड में चलती रही तो फिर पूरी फीस लेने का कोई औचित्य नहीं निकलता। आरटीआई कार्यकर्ता सुजीत स्वामी का कहना है कि आरटीयू द्वारा कोरोना का हाल में विद्यार्थियों से वसूल की गई फीस में रियायत के लिए राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर मांग करेंगे। कोरोना का हाल के दौरान आरटीयू द्वारा विद्यार्थियों से ऑनलाइन मोड पर पढ़ाई कराए जाने के बावजूद वसूली गई फीस में रियायत दी जाए ताकि विद्यार्थियों को राहत मिल सके।
आरटीयू ने कोरोना काल में भी स्टूडेंट्स से फीस में वसूले 14 करोड़ रुपये
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