
भिंड में वैक्सीनेशन सेंटर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक युवक को पहला टीका कोवैक्सिन (9 जून) का लगा। एक महीने बाद दूसरे डोज के लिए गया तो उसे कोवीशील्ड (8 जुलाई) का डोज दे दिया गया। रिकॉर्ड में इसे भी पहला डोज बता दिया। युवक को यह बात तब पता चली, जब उसके पास कोवैक्सिन (9 जून वाला) का दूसरा डोज लगवाने के लिए अलर्ट मैसेज आया। उसने चेक किया तो चता चला कि दूसरा डोज कोवीशील्ड का लगा दिया गया और रिकॉर्ड में दोनों को पहला डोज बता रखा है। इसके बाद युवक ने CM हेल्पलाइन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से शिकायत की है। अफसर इसमें युवक की ही गलती बता रहे हैं जबकि आधार नंबर दोनों पर एक ही दर्ज है।
यह मामला जिले के गोहद ब्लॉक के ग्राम भगवासा है। गांव के धर्मेंद्र शर्मा ने 9 जून को कोरोना वैक्सीनेशन पर पहुंचकर वैक्सीन लगवाई। इस दौरान वैक्सीनेटर राखी वर्मा ने पहला डोज कोवैक्सिन का लगाया। पहला डोज का प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन निकालकर दिया गया। इसे बाद दूसरा डोज 7 जुलाई से 21 जुलाई के बीच लगवाने के लिए तारीख दी गई थी। युवक ने पहला डोज गोहद के कन्या विद्यालय में स्थित वैक्सीन सेंटर पर लगवाया था। युवक दूसरा डोज लगवाने इसी सेंटर पर 8 जुलाई को पहुंचा।
यहां करीब आधा घंटे कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया। वैक्सीनेशन रूम में पहुंंचा और यहां मौजूद वैक्सीनेटर से युवक ने कहा कि पहला डोज कोवैक्सिन का लगा था। धर्मेंद्र से आधार नंबर और मोबाइल नंबर पूछा गया और रजिस्ट्रेशन की पर्ची दी गई। यहां कम्प्यूटर पर मौजूद कर्मचारी ने कहा टीका लगवा लो। धर्मेंद्र ने टीका लगवाया। इस दौरान युवक को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। यहां मौजूद कर्मचारी ने कहा कि एक या दो दिन में प्रमाण पत्र आ जाएगा। इसके दूसरे दिन धर्मेंद्र के पास को वैक्सीन लगवाने का मैसेज आया। तब युवक ने मैसेज पढ़ा और ऑनलाइन वैक्सीन लगवाने का ऐप पर पहुंचकर चेक किया तो पाया कि दूसरा डोज कोवीशील्ड का लगा दिया गया। इसके बाद युवक ने अपनी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से की है।
युवक ने पूछा- अब कोवैक्सिन लगवाऊं या नहीं?
युवक ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से यह सवाल किया गया है कि मेरे साथ वैक्सीन लगवाने को लेकर वैक्सीनेटर सेंटर पर गलती की गई है। दोनों डोज अलग-अलग लगा दिए गए हैं। अब ऐसी हालत में मुझे क्या करना चाहिए? यह सवाल का जवाब देने से स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी टालमटोली कर रहे हैं। उचित मार्गदर्शन के बाद ही कुछ कहने की बात बोल रहे हैं।
मैंने आइडी प्रूफ में आधार कार्ड दोनों बार बताए
वैक्सीन के अलग-अलग डोज लगने की शिकायतकर्ता युवक धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि मैंने दोनों बार आधार कार्ड दिया है। मुझे मोबाइल नंबर याद नहीं है। मोबाइल फोन में नंबर सेव है। मैंने यह नंबर निकालकर दोनों बार दिखाए हैं। आधार नंबर एक ही होता है। वहीं वैक्सीनेटर राखी से मैंने बोला था कि पहले कोवैक्सिन लगी है। तब उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं। घर आने के दूसरे दिन कोवैक्सिन का दूसरा डोज लगवाने का अलर्ट मैसेज आया। यह मैसेज गांव के युवक को बताया तो उसने अलग-अलग वैक्सीन लगने की बात बताई। इसके बाद मैंने ऑनलाइन प्रमाण पत्र निकलवाए तब जानकारी लगी। इस बात की शिकायत मैंने की तो गलती मेरी ही बता रहे।
स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं
दोनों डोज अलग-अलग लगने के मामले में रिटायर्ड CMHO डॉ. विनोद सक्सेना से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि दोनों वैक्सीन एक जैसा काम करती हैं। थोड़ा बहुत अंतर है। अलग-अलग डोज लगने से शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पूर्व CMHO डॉ. राकेश शर्मा का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के बाद कुछ सामान्य प्रभाव हर किसी के शरीर में आता है। परंतु दुष्प्रभाव कुछ नहीं है। वैक्सीन पूरी तरह सेव है। अलग-अलग डोज लगने के बाद शरीर पर कोई बुरा असर नहीं होता।
अपनी गलती छिपाने के लिए युवक को ही दोषी ठहराया
CMHO डॉ. अजीत मिश्रा का कहना है कि युवक ने दोनों बार अलग-अलग आईडी प्रूफ और मोबाइल नंबर दिए। इस वजह से पहले कोवैक्सिन और दूसरी बार कोवीशील्ड वैक्सीन लगी। इसमें गलती युवक की ही है। कोवैक्सिन फिर कोवीशील्ड डोज लगने से कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि आधार नंबर एक ही होने के सवाल पर CMHO ने कोई जवाब नहीं दिया।