
खुद को ज़िंदा साबित कराने भटक रहीं हैं गोनाबाई, पेंशन भी बंद
कलेक्टर शिवपुरी दो सप्ताह में दें तथ्यात्मक जवाब
नगर पालिका शिवपुरी में घोर लापरवाही का एक मामला सामने आया है। यहां एक 80 वर्षीया वयोवृद्ध महिला गोनाबाई को नौ साल पहले बिना किसी साक्ष्य और जांच-पड़ताल के ही सरकारी दस्तावेज़ों में मृत घोषित कर दिया गया। इससे उनकी विधवा पेंशन बंद हो गई। तब से अबतक वृद्धा गोनाबाई खुद को जीवित बताने के लिये रोज नगर पालिका के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। इस गंभीर मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर शिवपुरी से दो सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि पहले पति और फिर बेटे की भी मौत हो जाने के बाद गोनाबाई अपनी बेटी के आसरे जीवन काट रही हैं। एक सड़़क हादसे में गोनाबाई की कमर टूट चुकी है और वह झुककर चलती हैं, इसके बावजूद उन्हें भीख मांगना मंज़ूर नहीं है। यही कारण है कि उसने चैकसे के मंदिर पर सेवा करना शुरू कर दिया। इस सेवा के एवज में उसे मंदिर प्रबंधक हर माह बतौर मदद 1500 रूपये देते हैं, ताकि वे अपना पेट पाल सकें। अब वृद्धा अपनी विधवा बेटी के साथ इन्हीं पैसों से बमुश्किल गुज़र-बसर कर रही हैं।