
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण कोरोना कर्फ्यू व लॉकडाउन के बावजूद भारतीयों में अप्रैल-मई में खूब सोना खरीदा। देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कई गुना बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा। सोने की मांग बढ़ने के बावजूद पिछले साल के दिसंबर के मुकाबले सोना करीब 3000 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता है और अगर इस महीने बीते हफ्ते तक सोने का भाव 1449 रुपये तक गिर चुका है। जहां सोने के ऑल टाइम हाई रेट (56254 रुपये प्रति 10 ग्राम) से लेटेस्ट रेट की तुलना करें तो सोना अभी भी 9045 रुपये सस्ता है।
सर्राफा बाजारों में इस सप्ताह सोने-चांदी की चमक फीकी रही। बीते सप्ताह 24 कैरेट गोल्ड 61 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो गया। वहीं, चांदी के भाव में 220 रुपये प्रति किलो का नुकसान दर्ज किया गया। पिछले 30 साल में इस साल गोल्ड का आगाज सबसे खराब रहा। इस महीने अब तक कैसी रही सोने-चांदी की चाल
स्रोत: IBJA
अगर चांदी की बात करें तो यह अपने ऑल टाइम हाई से 7541 रुपये प्रति किलो सस्ती है। पिछले महीने की तुलना में चांदी औंधेमुंह गिरी है। पिछले 28 मई को सर्राफा बाजार में चांदी 70500 रुपये पर बंद हुई थी और 25 जून को यह 2033 रुपये प्रति किलो के नुकसान के साथ 68467 रुपये पर बंद हुई। हालांकि, दिसंबर 2020 के मुकाबले चांदी की चमक 1084 रुपये प्रति किलो बढ़ी है।
सोना-चांदी में निवेश के लिए करें थोड़ा इंतजार
चांदी भी 26 डॉलर से 26.50 डॉलर प्रति औंस आ सकता है। इसका असर भारतीय बाजार में भी देखने को मिल सकता है। सोना एक बार फिर से 45,000 हजार प्रति दस ग्राम और चांदी 68 हजार प्रति किलो के आसपास आ सकती है। ऐसे में जो सोना-चांदी में निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं, उनको थोड़ा इंतजार करना बेहतर होगा। आने वाले समय में सस्ता सोना खरीदने का मौका मिल सकता है।