नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने समाचारों और विचारों में अधिकता को सुनिश्चित करने के लिए टेलीविजन और अखबार के व्यवसाय में राजनीतिक दलों तथा कॉरपोरेट घरानों के प्रवेश पर रोक लगाने की सिफारिश की है। ट्राई ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए एक ही स्वतंत्र नियामक गठित करने का भी सुझाव दिया है, जिसमें मीडिया क्षेत्र से इतर प्रतिष्ठित लोगों को शामिल करने की बात कही गई है। इसे पेड-न्यूज और निजी समझौतों के अलावा संपादकीय स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों की जांच करने तथा जुर्माना लगाने का अधिकार देने को कहा गया है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने प्रसारण और टीवी चैनल वितरण क्षेत्र में राजनीतिक दलों तथा कॉरपोरेट घरानों के अलावा धार्मिक संस्थाओं, शहरी, स्थानीय, पंचायती राज संस्थाओं तथा सार्वजनिक धन से चलने वाली अन्य संस्थाओं के प्रवेश पर भी पाबंदी लगाने की सिफारिश की है। यही नहीं, केंद्र तथा राज्य सरकारों के मंत्रालयों, विभागों, कंपनियों, उपक्रमों, संयुक्त उद्यमों और सरकारी धन से चलने वाली कंपनियों और सहायक एजेंसियों पर भी ऐसी रोक रखने को कहा है। उसके अनुसार, यदि इस तरह के किसी संगठन को पहले से मंजूरी दी जा चुकी है तो उन्हें बाहर निकलने का विकल्प मुहैया कराया जाना चाहिए। मीडिया क्षेत्र में राजनीतिक दलों और कॉरपोरेट घरानों के बढ़ते प्रवेश के मुद्दे पर उसने सरकार से गंभीरता से विचार करने को कहा है। ट्राई मानता है कि सरकार को मीडिया का नियमन नहीं करना चाहिए।