मुंबई : महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार, महाराष्‍ट्र बीजेपी के विधायकों की बैठक संभव है। इस बात की पूरी संभावना है कि 27 अक्‍टूबर को मुख्‍यमंत्री पद को लेकर सस्‍पेंस खत्‍म हो जाएगा। हालांकि देवेंद्र फड़नवीस सीएम की रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी महाराष्ट्र में सीएम पद की दौड़ से खुद ही हट गए हैं, जिसके बाद फड़नवीस की ताजपोशी की संभावनाएं बढ़ गई हैं।  

उधर, कई दिनों के गतिरोध के बाद शिवसेना और बीजेपी नेताओं में मेलमिलाप का रुख भी दिखाई पड़ रहा है। जिससे महाराष्ट्र में भगवा गठबंधन सरकार के गठन की उम्मीद जगी है। संभावित मेल-मिलाप का संकेत देते हुए शिवसेना ने कहा कि उसके सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजग सहयोगियों के लिए दिए जाने वाले रात्रि भोज में शिरकत करेंगे और दोनों का मकसद महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देना है।

बीजेपी पहले दिवाली बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने की बात कह चुकी है। माना जा रहा है कि बीजेपी के विधायकों की 27 अक्टूबर को मुंबई में बैठक होगी जिसमें पार्टी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 28 अक्टूबर को होने की संभावना है।

महाराष्ट्र में बीजेपी के कई विधायकों की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाये जाने की मांग के बीच वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह केंद्र में काम करके खुश हैं। गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि मैं दिल्ली में खुश हूं। उनसे पूछा गया था कि क्या वह राज्य की राजनीति में लौटने का इरादा रखते हैं। गडकरी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस बीते दिन उनसे मिलने उनके घर गए थे। फड़नवीस को महाराष्ट्र में भाजपा के प्रथम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।

गौर हो कि महाराष्ट्र में 288 सीटों वाली विधानसभा के लिए हाल में चुनावों में बीजेपी 122 सीटें लेकर सबसे बडी पार्टी के रूप में उभरी थी। पार्टी 138 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है जिनमें कुछ छोटी पार्टियां और निर्दलीय शामिल हैं। बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है और भाजपा का दावा है कि वह सदन में बहुमत साबित करेगी। भाजपा और शिवसेना के बीच 25 साल पुराना गठबंधन विधानसभा चुनावों से ऎन पहले टूट गया था और दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लडा था। शिवसेना को इन चुनावों में 63 सीटें मिली हैं लेकिन भाजपा ने शिवसेना का समर्थन लेने के बारे में अपना रुख साफ नहीं किया है। एनसीपी पहले ही सरकार बनाने के लिए भाजपा को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है। वहीं, बीजेपी ने एनसीपी के प्रस्ताव पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। सोमवार को बीजेपी के विधायकों की बैठक के बाद सरकार गठन और सीएम को लेकर सभी सस्‍पेंस खत्‍म हो जाने की उम्‍मीद है।