ग्वालियर* ग्वालियर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर विकास के लिये कई महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है। इन परियोजनाओ से जहाँ शहर की विरासत को संरक्षण कर सहेजा जा रहा है तो वही इन परियोजनायो से शहर को एक डिजीटल शहर की पहचान भी मिल पा रही है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओ में से कंट्रोल कमांड सेंटर, स्मार्ट क्लास, और डिजीटल म्यूजियम सहीत डिजीटल लाइब्रेरी कुछ ऐसे महत्वपूर्ण विकास कार्य है जो शहर को डिजीटल शहर की पहचान दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन कर रहे है।
सीईओ स्मार्ट सिटी श्रीमती जयति सिंह नें जानकारी देते हुये बताया कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया एक दूसरे के पूरक हैं। शहरों के विकास में अग्रिम भूमिका निभाने वाले स्मार्ट सिटी मिशन की अधिकांश योजनाएँ अपने स्तर पर डिजिटल इंडिया कैम्पेन को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रही हैं। श्रीमती सिंह नें बताया कि स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में लगातार इस तरह की परियोजनाये क्रियांवित कि जा रही है जिनके द्वारा शहर की विरासत को सहेजते हुये डिजीटली रुप से अत्याधुनिक सुविधाये शहरवासियो को उपलब्ध हो सके। उन्होने बताया कि ग्वालियर को डिजीटल शहर की पहचान दिलाने में कंट्रोल कमांड सेंटर, स्मार्ट क्लास, डिजीटल म्यूजियम ऐसी कुछ मह्त्वपूर्ण परियोजनाये है, जिन्हे पूर्ण करके जनता को समर्पित किया जा चुका है तो वही डिजीटल लाइब्रेरी परियोजना भी जल्द ही पूर्ण होने को है। इन परियोजना से न केवल शहर को डिजीटल शहर की पहचान मिल रही है बल्कि ऐतिहासिक इमारतो का संरक्षण भी किया जा रहा है।
*डिजीटल इंडिया मुहिम में इन स्मार्ट प्रोजेक्टस की है महत्वपूर्ण भूमिका*
*कंट्रोल कमांड सेंटर से रहेगी पूरे शहर पर नजर (ICCC)*
स्मार्ट सिटी योजना की महत्वपूर्ण इकाई कंट्रोल कमांड सेंटर, मोतीमहल के हेरिटेज भवन को उसके ऑरिजनल स्वरूप में लाकर सहेजा गया है। कंट्रोल कमांड सेंटर इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त है। इस परियोजना का प्रमुख उद्देष्य शहर में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं को समाहित कर एक ही स्थान पर मंच प्रदाय करना है। एकीकृत कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर से परिवहन, जल, अग्नि पुलिस, मौसम विज्ञान, ई-गर्वनेंस जैसे विभिन्न विभागो से प्राप्त जानकारी का एक ही मंच पर समाधान औऱ विश्लेषण किया जा सकता है इसके अलावा संपूर्ण शहर की जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण उपरांत जानकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु तत्काल संबंधित को प्रेषित किया जा सकता है। आपादा प्रबंधन में भी कंट्रोल कमांड सेंटर की अपनी एक अहम भूमिका है जिसका उदाहरण हमे कोरोना महामारी में देखने को भी मिला।
*स्मार्ट क्लासेस से डिजीटल शिंक्षा हुई आसान*
शहर के शासकीय विधालयो और इन विधालयो में पढने वाले विधार्थियो को डिजीटल माध्यम से शिक्षा देने के उद्देश्य से स्मार्ट सिटी द्वारा इस परियोजना को क्रियांवित किया गया था जिसके तहत विभिन्न विधालयो में स्मार्ट क्लासरुम स्थापित किये गये साथ ही उनमें अत्याधुनिक डिजीटल संसाधनो को भी लगाया गया जिसके माध्यम से विधार्थी एक हाईटेक माहौल में डिजीटली रुप से शिक्षा प्राप्त कर सके। इस परियोजना के क्रियांवन से शासकीय स्कूलो में डिजीटल मूहिम को काफी बल मिला है।
*डिजिटल लाइब्रेरी से होगी हर मुश्किल आसान*
ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी के ऐतिहासिक भवन को भी संरक्षित और संवार कर डिजिटल लाइब्रेरी बनाए जाने का काम किया जा रहा है। जो जल्द ही पूर्ण होने को है ग्वालियर के ऐतिहासिक सेन्ट्रल लाइब्रेरी के डिजीटल किये जाने की परियोजना शहर में डिजीटलाइजेशन को लेकर एक मील का पत्थर साबित होगी। इस डिजीटल लाइब्रेरी में 1927 से लेकर 1990 तक की 50 हजार से अधिक पुरानी किताबो की स्कैनिंग और भवन का रिनोवेशन कर सेंट्रल लाइब्रेरी को नया स्वरुप प्रदान किया जा रहा है, जिसका लाभ हर वर्ग के पाठक को मिल सकेगा। डिजिटल लाइब्रेरी तैयार होने के बाद लोगों को क्षेत्रीय, देश व विदेश की किताबें ऑनलाइन पढ़ने को मिलेंगी।
*डिजीटल म्यूजियम बना शहर की पहचान*
ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर की प्राचीन इमारत गोरखी स्थित स्काउट एवं गाइड भवन में यह आधुनिक संग्रहालय तैयार किया गया है। इस डिजीटल संग्रहालय में ग्वालियर के इतिहास और कला-संस्कृति सहित अन्य विधाओ को एक छत के नीचे देखा जा सकेगा। 3500 वर्गफीट एरिया में डिजीटल संग्रहालय और प्लेनेटोरियम बनाया गया है। इस डिजीटल संग्रहालय में ग्वालियर की स्थापत्य शैली, वस्तु, परिधान, जीवनशैली, वाद्य यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक परंपरा, चित्रकारी सहित कई विधाओ को आधुनिक तरीके से डिजिटली प्रदर्शित किया गया है। यहां पर आकर पर्यटक 16 गैलरियों में सजे ग्वालियर के इतिहास, यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प और अन्य जानकारी अत्याधुनिक आईटी उपकरणो का प्रयोग करके प्राप्त कर सकते है। इस संग्रहालय में वर्चुअल रियलटी का समावेश भी किया गया है। जिसके द्वारा सैलानी ऐतिहासिक स्थल की वास्तविकता को महसूस कर सकेगे।
स्मार्ट सिटी की कंट्रोल कंमाड सेंटर और डिजीटल लाइब्रेरी जैसी परियोजनाओ से ग्वालियर को मिल रही है डिजीटल शहर की पहचान...
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