जयपुर। राजस्थान में एक सौ आठ एंबुलेंस सेवा के टेंडर में 2.56 करोड़ रुपये गबन मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीबीआइ जांच किए जाने की संस्तुति दे दी है। दो दिन पहले पुलिस ने राज्य सरकार से यह सिफारिश की थी। इस घोटाले के आरोपियों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम के पुत्र कीर्ति, पूर्व केंद्रीय मंत्री वायलार रवि के बेटे रवि कृष्णा, पूर्व चिकित्सा मंत्री दुर्रु मियां, केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व आर्थिक सलाहकार शफी मोतर व जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी की सीईओ श्वेता मंगल शामिल हैं।

अपनी सिफारिश में पुलिस का कहना था कि टेंडर केंद्रीय स्तर पर जारी हुआ था और घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके कई रिश्तेदार शामिल हैं। इनके अलावा एक अप्रवासी भारतीय भी है, जिसके लिए इंटरपोल के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में यह मामला सीबीआइ के अधिकार क्षेत्र का बनता है।

गौरतलब है कि जयपुर के पूर्व महापौर पंकज जोशी ने 13 जुलाई, 2013 को आरोपियों के खिलाफ अशोक नगर पुलिस थाने में शिकायत दी। करीब 11 माह की जांच में पुलिस ने पाया कि वर्ष 2008 में शुरू की गई एंबुलेंस 108 सेवा का टेंडर ईएमआरआइ कंपनी को दिया गया।

छह माह बाद इसका टेंडर निरस्त कर 6 अप्रैल, 2010 को नियम विरुद्ध जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी को दे दिया गया। इसमें 2.56 करोड़ रुपये का गबन हुआ। आरोप पायलट, रवि कृष्णा, कीर्ति, शफी और श्वेता मंगल पर लगे।