
ग्वालियर अंचल के छह जिलों में 3400 से ज्यादा बच्चे अति कुपोषित
प्रमुख सचिव और कमिश्नर, ग्वालियर व चंबल संभाग तीन सप्ताह में दें जवाब
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 3400 से ज्यादा बच्चों के अति कुपोषित पाये जाने संबंधी एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, मंत्रालय तथा कमिश्नर ग्वालियर एवं कमिश्नर चंबल संभाग से जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना व अशोकनगर और चंबल संभाग के श्योपुर (कुल छह जिलों) में महिला एवं बाल विकास के रिकार्ड में मार्च 2021 में अभी ग्वालियर अंचल में 3418 बच्चे अति गंभीर कुपोषित के रूप में दर्ज हैं। सितम्बर 2020 में अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 5071 थी, लेकिन मार्च 2021 में यही संख्या 3418 रह गई। यानि 1653 बच्चे अति कुपोषण के दायरे से बाहर आ गये हैं। इसके बावजूद अति गंभीर कुपोषण के हालात अच्छे नहीं है। क्यांेंकि ग्वालियर जिले में ही अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 1894 दर्ज है। खास बात है कि अति गंभीर कुपोषित बच्चे आदिवासियों की दफाइयों (बस्तियों) में है। इस साल अप्रैल से लाॅकडाऊन लगने के बाद कुपोषित बच्चों के पास टेक होम राशन और मल्टीपल विटामिन भी पहुंचना बंद हो गया है। ग्वालियर जिले के कार्यक्रम अधिकारी कहते है कि जिले में अभी अति गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 1894 है। जिले के घाटीगांव, मोहना, पनिहार में आदिवासी और सहारिया बस्तियों में इनकी संख्या ज्यादा है। कुछ ऐसी ही स्थिति श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखण्ड के आदिवासी इलाके के खुर्रका एवं वीरमपुर में हैं। इन गांवों में आंगनवाडी केन्द्रों पर अति कुपोषित बच्चों को दूध व केले खिलाकर उनका वजन लिया गया।