
भोपाल : आयुष (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री रामकिशोर कावरे की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में प्रदेश के आयुर्वेद, होम्योपैथिक एवं यूनानी कॉलेज के प्राचार्यों की बैठक हुई। बैठक में शैक्षणिक गतिविधि और परीक्षाओं के संबंध में चर्चा की गई। इस मौके पर प्रमुख सचिव श्रीमती करलिन खोंगवार देशमुख भी उपस्थित थीं।
राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि आने वाले समय में बच्चों की पढ़ाई एवं उनकी परीक्षाओं के विषय में गहन चिंतन की आवश्यकता है। इसके लिये पूरा प्लान तैयार कर प्रस्तुत किया जाये। साथ ही छात्रावास की सुविधा लेने वाले विद्यार्थियों के एक्जाम किस प्रकार सुविधाजनक होंगे, इस पर भी उन्होंने मत माँगा। उन्होंने जानना चाहा कि विद्यार्थियों को ऑफलाइन किस प्रकार से पढ़ाया जा सकता है और किस प्रकार परीक्षाएँ ली जा सकती हैं, इसकी प्लानिंग की जाये। साथ ही विश्वविद्यालय से भी परामर्श लिया जाये। महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के बैठने की स्थिति का आकलन किया जाये। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल का ध्यान रखकर समुचित प्रबंधन करके व्यवस्था सुचारु कर संचालन करने की आवश्यकता है।
राज्य मंत्री श्री कावरे ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिये आयुर्वेद और होम्योपैथी में क्या उपाय कारगर होंगे। इसमें कौन-सी दवाएँ लाभकारी सिद्ध होंगी, इसका आकलन किया जाये। साथ ही उनके आहार-विहार में किस प्रकार के परिवर्तन से कोरोना को मात दी जा सकती है, इस पर भी विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुचारु हो। सौंदर्यीकरण की कार्यवाही भी जारी रहे। हर्बल गार्डन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। श्री कावरे ने कहा कि अपने-अपने क्षेत्र/सेक्टर के काम में लोगों को निपुण होने की आवश्यकता है। प्राचार्यों का दायित्व है कि वे अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण हो और महाविद्यालयों के उत्थान के लिये निरंतर प्लानिंग कर काम करें।