भोपाल: राजधानी के एक होटल में ग्राहक से 1 रुपए जीएसटी वसूला गया, जिसका ग्राहक ने होटल स्टाफ से विरोध किया। लेकिन उन्होंने एक न सुनी, बल्कि बहस करने लगे। परेशान होकर ग्राहक ने न्याय के लिए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया, जहां ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाया गया, साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि ग्राहक को दो महीने के अंदर मुआवजा मिले।

इसलिए 1 रुपए के देने होंगे 8 हजार 1 रुपए

इस मामले की सुनवाई उपभोक्ता आयोग में फोरम के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ला और सदस्य प्रतिभा पांडे ने की। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि एमआरपी में जीएसटी शामिल है, इसलिए अलग से जीएसटी वसूलना अवैध है। इस मामले में उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया कि होटल प्रबंधन ग्राहक को दो महीने के अंदर जीएसटी की वसूली गई 1 रुपए की राशि वापस करे। साथ ही मानसिक पीड़ा और सेवा में कमी के लिए 5 हजार रुपए मुआवजे के तौर पर दे। वहीं कानूनी कार्रवाई के लिए होटल को 3 हजार रुपए भी देने होंगे।

4 साल पुराना है मामला, अब आया फैसला

बता दें कि अक्टूबर 2021 के महीने में भोपाल के ऐश्वर्या निगम मिसरोद स्थित मोती महल डीलक्स होटल गए थे। यहां उन्होंने अपने दोस्त के साथ खाना खाया, जहां खाने का बिल 796 रुपए दिया गया। इसमें बिसलेरी पानी की बोतल 29 रुपए में दी गई, जबकि बोतल पर एमआरपी 20 रुपए छपी थी। इसके साथ ही होटल प्रबंधन ने पानी की बोतल पर एक रुपए जीएसटी भी वसूला।

होटल प्रबंधन ने गिलास तक नहीं दिया

शिकायतकर्ता ऐश्वर्या ने बताया, "बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर बोतल बेचने की शिकायत जब उन्होंने होटल स्टाफ से की तो विवाद हो गया। उन्होंने कहा कि उन्हें बोतलबंद पानी लेना पड़ेगा। यहां स्टाफ ने पानी पीने के लिए गिलास तक नहीं दिया।" इधर होटल प्रबंधन का कहना है कि ग्राहक को दिए गए मेन्यू कार्ड में कीमत और जीएसटी दोनों का उल्लेख था। प्रबंधन ने बताया कि होटल में बैठने की जगह, एयर कंडीशनर और म्यूजिक समेत अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। ऐसे में पानी पर जीएसटी लगाना कानूनी अधिकार है। हालांकि फोरम ने इस तर्क को खारिज कर दिया।