
वाहनों के लिए पुर्जा बनाने वाली बेलराइज इंडस्ट्रीज 2,150 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की पेशकश से पहले अब चार पहिया और यात्री वाहन खंड में विस्तार करना चाह रही है। कंपनी का आईपीओ 21 मई को खुलने वाला है। फिलहाल, कंपनी के कारोबार में दोपहिया वाहन श्रेणी की बड़ी हिस्सेदारी है।
चेसिस सिस्टम से लेकर एग्जॉस्ट और पॉलीमर पुर्जों सहित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला वाली कंपनी चेन्नई (तमिलनाडु), पुणे (महाराष्ट्र) और भिवाड़ी (राजस्थान) में तीन नए विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। इनमें से चेन्नई का संयंत्र प्रमुख केंद्र रहेगा, जो रॉयल एन्फील्ड और अशोक लीलैंड जैसे मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) के साथ-साथ दोपहिया, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) स्टार्टअप और वाणिज्यिक वाहन विनिर्माताओं की एक बड़ी श्रृंखला की सेवा करेगा।
फिलहाल, बेलराइज के पास मेटल पुर्जा दोपहिया खंड में 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है और यह बजाज ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसे ओईएम की आपूर्तिकर्ता है। मगर चार पहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहन खंड में इसकी हिस्सेदारी काफी कम है। कंपनी अब मूल उपकरण विनिर्माताओं के साथ गहन एकीकरण और अपने उत्पादों का विस्तार कर इस अंतर को पाटना चाह रही है। हालांकि, आने वाले संयंत्रों की क्या क्षमता रहेगी और कंपनी इन पर कितना निवेश करेगी इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि वे वाहन खंडों की एक बड़ी श्रृंखला को पूरा करने की कंपनी के लक्ष्य को हासिल करने मददगार होंगे।
कंपनी के भविष्य की रोडमैप के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन इसके उत्पाद काफी हद तक पावरट्रेन से जुदा हैं, जिससे कंपनी को पारंपरिक ईंधन और ईवी दोनों बाजारों को पूरा करने में मदद मिलती है। कंपनी सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों में बढ़ते अवसर देख रही है, खासकर वाणिज्यिक वाहनों और छोटी कार खंड में।