ग्लोबल एविएशन काउंसिल ने MH17 विमान को मार गिराने के लिए रूस को जिम्मेदार बताया है. ग्लोबल एविएशन काउंसिल ने मंगलवार को कहा कि एक दशक से पहले यूक्रेन के हवाई क्षेत्र उड़ रहे मलेशियाई एयरलाइंस की प्लेन नं 17 को मार गिराने के लिए रूस जिम्मेदार है. इस हादसे के दौरान 298 लोगों ने अपनी जान गवाई थी.

इस रिपोर्ट के आने के बाद मरने वाले लोगों के परिवारों को इंसाफ मिलने की उम्मीद बढ़ी है. साथ ही उनको मुआवजा मिलने की संभावना अब पहले से ज्यादा हो गई है. रूस ने अपनी तरफ से इस रिपोर्ट को खारिज किया है और MH17 क्रैश में अपना हाथ होने से इंकार किया है. हालांकि डच नेतृत्व वाली एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने 2016 में कहा कि ऐम्स्टर्डैम से कुआलालंपुर जाने वाले विमान को 17 जुलाई 2014 को यूक्रेनी क्षेत्र में मार गिराया गया था, इस क्षेत्र पर अलगाववादी संगठनों का नियंत्रण है. आरोप है कि इस विमान को गिराने में रूसी मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ था.

नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया दर्ज कराया था मामला
बताते चले कि नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने 2022 में मॉन्ट्रियल में ग्लोबल एविएशन काउंसिल के ऑफिस में रूस के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. मंगलवार को आए फैसले का नीदलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने स्वागत किया है.

परिषद ने अपनी जांच में पाया कि रूस ने शिकागो कन्वेंशन का उल्लंघन किया है जिसके अनुसार उड़ान के दौरान नागरिक विमानों के खिलाफ हथियारों का उपयोग करने से बचना चाहिए.

क्या बोलें पीड़ित?
इस फैसले के आने के बाद अपने बेटे को खो चुके डच पिता थॉमस शैंसमैन ने कहा कि इस फैसले से स्पष्ट है कि रूस इस घटना का जिम्मेदार है और इससे उन्हें मुआवजा मिल सकता है. लेकिन वे और उनके रिश्तेदार चाहते है कि हादसे का जिम्मेदार देश अपनी गलती स्वीकार करे. उनका यह भी कहना है कि पैसे से कुछ भी वापस नहीं खरीदा जा सकता है.

रूस ने खारिज किए आरोप
रूस ने अपनी तरफ से सभी दावों और जांचों को खारिज किया है. क्रेमलिन ने अपने बयान में जांच को एकतरफा बताते हुए, रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा रूस ने इस घटना की जांच में हिस्सा नहीं लिया है. इसलिए हम इन निष्कर्षों को स्वीकार नहीं करेंगे.