रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए-
पहला- मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय स्कूलों में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’’ संचालित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
इस अभियान के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, पालक-शिक्षक की भागीदारी बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। अभियान के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अभियान के तहत स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा और गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कमजोर स्कूलों की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। आदर्श स्कूलों का चयन कर कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बढ़ाने के लिए कक्षा शिक्षण प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
दूसरा- मंत्रिपरिषद ने साहित्य एवं कला के क्षेत्र में आर्थिक रूप से गरीब प्रदेश के कलाकारों एवं साहित्यकारों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के अनुपालन में कलाकारों को दी जाने वाली मासिक आर्थिक सहायता (पेंशन) को अब 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसके लिए संस्कृति विभाग के अधीन संचालित आर्थिक सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया गया। इससे उन कलाकारों एवं साहित्यकारों को आर्थिक संबल मिलेगा, जो आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यह योजना वर्ष 1986 में प्रारंभ की गई थी, तब न्यूनतम सहायता राशि 150 रुपये तथा अधिकतम 600 रुपये थी। तत्पश्चात वर्ष 2007 में इसे बढ़ाकर 1500 रुपये तथा उसके बाद वर्ष 2012 में 2000 रुपये कर दिया गया। लेकिन पिछले 12 वर्षों में इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। वर्तमान में प्रदेश में कुल 162 कलाकारों को यह पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में प्रत्येक कलाकार को 24 हजार रूपए वार्षिक पेंशन मिल रही है, जो संशोधन के बाद बढ़कर 60 हजार रूपए हो जाएगी। इससे कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रूपए से बढ़कर 97.20 लाख रूपए हो जाएगा, जिससे राज्य पर 58.32 लाख रूपए का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा।
तीसरा- मंत्रिपरिषद ने राज्य में औद्योगिक विकास को और अधिक गति प्रदान करने तथा भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, भूमि बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता एवं पारदर्शिता आएगी, जिससे औद्योगिक निवेशकों को भूमि आबंटन प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने तथा उसका लाभ लेने में सुविधा होगी।
चौथा- मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में अनेक महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। इससे राज्य की औद्योगिक नीति अधिक रोजगारोन्मुखी, व्यापक तथा उद्यमों के लिए लाभकारी होगी। प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
- युवाओं को मिलेगा रोजगार - नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा।
- हाईटेक खेती को बढ़ावा - अब हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों को ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी नई तकनीक का लाभ मिलेगा।
- युवाओं के लिए प्रशिक्षण और खेल सुविधाएं - राज्य में खेल अकादमियों और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और करियर के अवसर मिलेंगे।
- गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को बढ़ावा दिया जाएगा।
- सभी विकासखंड समूहों में ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर स्वीकृत किए जाएंगे।
- पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा - बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा को कम कर दिया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन- अब कपड़ा क्षेत्र में निवेश पर 200 प्रतिशत तक प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा होगा।
- छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब- अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी।
- दिव्यांगजनों को विशेष लाभ- दिव्यांगजनों की परिभाषा में बदलाव किया गया है, ताकि उन्हें अधिक योजनाओं का लाभ मिल सके।
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र को विशेष पैकेज, निजी उद्योगों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर अनुदान में वृद्धि