पोर्न फिल्मों के निर्माण और उसके प्रसार के आरोप में जेल में बंद बिजनेसमैन राज कुंद्रा की जमानत अर्जी पर मुंबई की सत्र अदालत में आज सुनवाई होगी। कुंद्रा को 19 जुलाई को अरेस्ट किया गया था और इसके बाद से वे मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि उसके पास इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं।

पुलिस ने गिरफ्तारी के अगले दिन राज कुंद्रा को मुंबई की किला कोर्ट (एस्प्लेनेड कोर्ट) में पेश किया था। यहां से जमानत अर्जी खारिज होने बाद उन्हें पहले 23 जुलाई तक और फिर 27 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था। इसके बाद हुई एक सुनवाई में कुंद्रा को न्यायिक हिरासत में आर्थर रोड जेल भेजा गया था।

2020 पोर्न केस में 8 सितंबर तक अंतरिम राहत
इससे पहले बुधवार को मुंबई साइबर सेल की ओर से नवंबर 2020 में दर्ज एक केस में कुंद्रा को मिली राहत को 8 सितंबर तक बरकरार रखा गया है। इस केस में कुंद्रा को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत मिली हुई है। बुधवार को प्रॉसीक्यूटर ने जस्टिस एसके शिंदे की बेंच को बताया कि उन्हें सेशंस कोर्ट के फैसले की सर्टिफाइड कॉपी अभी नहीं मिली है। कुंद्रा की ओर से सीनियर वकील शिरीष गुप्ते ने बताया कि इसी तरह के एक अन्य मामले में कुंद्रा पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। जिसके बाद अदालत ने इस मामले की सुनवाई 8 सितंबर तक टाल दी।

इन धाराओं के तहत राज कुंद्रा की हुई है गिरफ्तारी

  • IPC धारा 292, 296- अश्लील सामग्री बनाना और बेचना
  • धारा 420- विश्वासघात, कपट
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 67 (A) - इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री डालना और प्रसारित करना
  • धारा 2 (G) 3, 4, 6, 7- महिलाओं से संबंधित अश्लील फिल्म बनाना, बेचना और प्रसारित करना।

पोर्नोग्राफी विरोधी कानून
इंटरनेट के माध्यम से पोर्नोग्राफी का व्यापार इन दिनों तेजी से बढ़ा है। यही कारण है कि पोर्नोग्राफी एक बड़ा धंधा बन गया है। पोर्नोग्राफी में फोटो, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो जैसी चीजें आती हैं। ऐसी सामग्री को प्रकाशित करना या किसी और को भेजना पोर्नोग्राफी विरोधी कानून के अधीन आता है।

अश्लील वीडियो बनाना अपराध
कानून में दूसरों के अश्लील वीडियो बनाना, MMS बनाना, ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरों को भेजना या किसी की इच्छा के विरुद्ध अश्लील संदेश भेजना शामिल है। पोर्नोग्राफी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है। अश्लील सामग्री को देखना, पढ़ना या सुनना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अवैध माना जाता है।

शर्लिन चोपड़ा ने अप्रैल में दर्ज करवाई थी FIR
इस पूरे मामले में शर्लिन चोपड़ा की गवाही अहम साबित हो सकती है। राज कुंद्रा की गिरफ्तारी से पहले ही शर्लिन चोपड़ा ने अप्रैल में राज पर सेक्‍सुअल हैरेसमेंट को लेकर FIR दर्ज करवाई थी। शर्लिन से मुंबई पुलिस की टीम 8 घंटे की लंबी पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ के दौरान शर्लिन ने राज कुंद्रा और उनके संबंधों को लेकर कई खुलासे किए हैं। एक्ट्रेस ने अपनी वॉट्सऐप चैट हिस्ट्री, अकाउंट की डिटेल और राज की कंपनी के साथ हुए उनके कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी भी सौंपी है।

शर्लिन का यह भी आरोप है कि एक बिजनेस डील के सिलसिले में उनकी राज कुंद्रा से बात हुई थी, लेकिन फोन पर मैसेज में दोनों के बीच बहस हो गई थी। इसके बाद राज कुंद्रा उनके घर आए थे और जबरन उन्‍हें किस किया था। शर्लिन ने राज कुंद्रा को रोकने की कोश‍िश की थी, लेकिन वे डरी हुई भी थीं।