नई दिल्ली: वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज यहां राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक लांच किया जिसके माध्यम से देश के किसी भी शहर की आबोहवा की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकेगा। इस सूचकांक को वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने 8 प्रमुख प्रदूषकों को पैमाना मानते हुए तैयार किया है। शुरूआत में यह प्रमुख शहरों में वायु की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देगा और अगले 5 वर्षों के दौरान इसमें सभी राज्यों की राजधानियों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले 66 शहरों को शामिल किया जाएगा। जावड़ेकर ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का एक हिस्सा है। उन्होंने इस सूचकांक के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को धन्यवाद देते हुए कहा  कि  देश को साफ-सुथरा बनाने में सभी को अपना योगदान देना चाहिए।

इस सूचकांक को तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) ने प्रो. ए.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में 20 विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी जबकि इसके तकनीकी अध्ययन की जिम्मेदारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) कानपुर को सौंपी गई थी। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक योजना बनाई गई है। यह योजना अगले 45 दिनों तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैबसाइट पर उपलब्ध रहेगी और लोगों से प्रतिक्रिया मांगी जाएगी। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।