नई दिल्ली : विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में गश्त के दौरान एक हिम खड्ड में गिरने के बाद अपनी जान गंवाने वाले 4 मराठा लाइट इंफेंट्री के हवलदार तुकाराम विठोबा पाटिल के शव को सैनिकों के एक दल ने 21 साल बाद पिछले हफ्ते बरामद किया। बर्फ के कारण उनका शव विकृत नहीं हुआ था।
महाराष्ट्र से आने वाले पाटिल 27 फरवरी 1993 को उत्तरी ग्लेशियर में गश्त करने के दौरान एक हिम खड्ड में गिर पड़े थे। उनके शव को तलाशने के कई बार प्रयास किये गये लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा।
सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र का तापमान शून्य से नीचे होने के कारण उनका शव विकृत नहीं हुआ है। उनकी पहचान शव की वर्दी से मिले उनके परिवार के एक पत्र और चिकित्सा प्रमाणपत्र से हुई।
विडंबना है कि पाटिल का छोटा भाई और मराठा लाइट इंफेट्री का एक सैनिक भी मध्य ग्लेशियर में 1987 में एक हिम तूफान में मारा गया था। उसके शव का भी पता नहीं लग पाया है। मराठा के शव को 12 मद्रास रेजिमेंट के एक गश्ती दल ने 12 अक्तूबर को बरामद किया।