लखनऊ। मशहूर गीतकार संतोष आनंद के पुत्र संकल्प आनंद और उनकी पुत्रवधू नरेश नंदिनी की आत्महत्या मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सीबीआइ जांच की सिफारिश कर सकती है। चूंकि इस मामले में उप्र पुलिस आवास निगम के डीजी कमलेंद्र प्रसाद आरोपों से घिर गए हैं इसलिए भी सरकार किरकिरी से बचने के लिए यह कदम उठा सकती है। फिलहाल, संतोष आनंद ने दिल्ली पहुंची मथुरा पुलिस को एक लिखित तहरीर दे दी है।

पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था ए.सतीश गणोश ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस दिल्ली स्थित संतोष आनंद के घर गई थी और उनसे लिखित शिकायत मिल गई है। डीजीपी द्वारा मथुरा एसएसपी से मांगी गई जांच रिपोर्ट के मसले पर उन्होंने कहा कि जांच टीम ने काम शुरू कर दिया है लेकिन अभी तक रिपोर्ट भेजी नहीं है। इसमें एक-दो दिन लग सकते हैं। बृहस्पतिवार की रात संतोष आनंद से पुलिस की बातचीत नहीं हो सकी मगर अब उनकी तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान दिल्ली पुलिस के सहयोग से संकल्प आनंद के मयूर बिहार स्थित फ्लैट को सील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एफआइआर दर्ज होने के बाद संकल्प आनंद के इंस्टीट्यूट में भी संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज लिए जाएंगे।

टीम उनके सुसाइड नोट का भी विश्लेषण कर रही है। आनंद दंपती ने 15 अक्टूबर को मथुरा के कोसीकलां में टेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में दंपती ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंसेज के पूर्व निदेशक और उप्र पुलिस आवास निगम के डीजी कमलेंद्र प्रसाद समेत दर्जन भर लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में भवन निर्माण के लिए 250 करोड़ की परियोजना में हेराफेरी, नौकरी के लिए दिए गए विज्ञापन द्वारा वसूली गई फीस और अन्य गड़बड़ी के साथ ही मानसिक उत्पीड़न करने का जिक्र किया गया है। गृह मंत्रालय से मामला जुड़ा होने की वजह से भी माना जा रहा है कि केंद्र सरकार खुद सीबीआइ जांच को प्रमुखता देगी। राज्य सरकार पीड़ित परिवार का भी रुख देख रही है।