यास और ताउते चक्रवात की वजह से महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और झारखंड समेत कई राज्यों में नुकसान हुआ है। यहां घर के पास रखे वाहनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे स्थिति में बीमा कंपनी को नुकसान के बारे में सूचना देने में देरी आपके लिए घाटे का सौदा साबित है सकती है। ऐसे मामले में बीमा कंपनी को जितना जल्दी हो पूरी जानकारी देनी चाहिए। इससे क्लेम जल्द मिलने की संभावना रहती है। साथ ही कुछ अन्य जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।

वाहन को हुए नुकसान की जानकारी तुरंत बीमा कंपनी को दें। अब बीमा कंपनियां ज्यादातर क्लेम डिजिटल तरीके से निपटाती हैं। ऐसे में जिस हालत में वाहन है उसी स्थिति में उसकी फोटो बीमा कंपनी को भेजें। इसके बाद बीमा कंपनी कोई जानकारी मांगती है तो तुरंत उसका जवाब दें।

वाहन बीमा क्लेम के लिए बीमा पॉलिसी के अलावा वाहन पंजीकरण का दस्तावेज, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन की फोटो आदि की जरूरत होती है। इन दस्तावेजों को तुरंत बीमा कंपनी को भेजना चाहिए। रिन्यूबाय इंश्योरेटक के सह-संस्थापक इंद्रनील चटर्जी का कहना है कि बीमा कंपनियां अब व्हाट्सएप नंबर भी मुहैया कराने लगी हैं जिसपर उन्हें दस्तावेज भेज सकते हैं।

इस पॉलिसी के तहत क्लेम

प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का बीमा क्लेम इश्वरीय प्रकोप (एक्ट ऑफ गॉड) नियम के तहत होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कॉम्प्रहेंसिव पॉलिसी में ही बीमा क्लेम मिलता है क्योंकि उसमें इसका कवर होता है। इसमें वाहन को हुए हर तरह के नुकसान का भरापाई शामिल होती है।

कब नहीं मिलता क्लेम

प्राकृतिक आपदा की स्थिति में वाहन को हुए नुकसान का बीमा क्लेम कंपनियां तभी रद्द करती हैं जब उन्हें गलत जानकारी दी जाती है। ड्राइविंग लाइसेंस की अवधि खत्म हो जाने अथवा वाहन पंजीकरण खत्म होने की स्थिति में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। साथ ही जब तक क्लेम की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती कभी भी वाहन को खुद से नुकसान स्थल से हटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।