इंटरपोल ने भारत की गुजारिश पर पहला सिल्वर नोटिस जारी किया है. यह नोटिस फ्रेंच एम्बेसी के पूर्व अधिकारी शुभम शौकीन के खिलाफ जारी किया गया है, शुभम एक बड़े वीजा घोटाले के आरोपी हैं और फरार चल रहे हैं. इस नोटिस के बाद उनके द्वारा अवैध रूप से कमाई गई वैश्विक संपत्तियों का पता लगाना और ट्रैक करना है. सिल्वर नोटिस इंटरपोल का एक नया रंग-कोडेड नोटिस है, जिसे जनवरी में शुरू किया गया था. इसका मकसद अवैध संपत्तियों की वैश्विक निगरानी और जानकारी एकत्र करना है. यह नोटिस अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत जारी किया जा रहा है, जिसमें भारत सहित 51 देश शामिल हैं.
शौकीन पर क्या हैं आरोप?
CBI के मुताबिक सितंबर 2019 से मई 2022 के बीच शुभम शौकीन ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फ्रेंच एम्बेसी में वीजा देने के नाम पर लोगों से 15 लाख से 45 लाख रुपये तक की घूस ली थी. इस रकम से उसने दुबई में करीब 15.7 करोड़ रुपये की छह अचल संपत्तियां खरीदीं. शौकीन के ठिकाने का पता लगाने के लिए CBI पहले ब्लू नोटिस भी जारी कर चुके हैं.
अमित मदनलाल पर भी कार्रवाई
CBI के अनुरोध पर अमित मदनलाल को दूसरा सिल्वर नोटिस 26 मई को जारी किया गया, जो ED की जांच के घेरे में है. मदनलाल ने MTC नाम की क्रिप्टोकरेंसी बनाई, जो भारत में मान्यता प्राप्त नहीं है और इंवेस्टर्स से करीब 113 करोड़ रुपये जमा किए. बाद में ये रकम लेकर वह फरार हो गए. वह खुद को वित्त मंत्रालय का अधिकृत प्रतिनिधि बताकर लोगों को ठगता था.
जब्त की जाएंगी प्रॉपर्टी
CBI ने कहा कि सिल्वर नोटिस के जरिए से अब ऐसे मामलों में संपत्तियों का पता लगाकर उनकी जब्ती या वसूली की जा सकती है, जो संबंधित देशों के कानूनों के अधीन होगी. इंटरपोल अब तक नौ रंग-कोडेड नोटिस जारी करता है, जिनमें रेड (फरार अपराधियों के लिए), ब्लू (सूचना के लिए), ब्लैक (अनपहचाने शवों के लिए) और येलो (लापता लोगों के लिए) शामिल हैं.