नई दिल्ली: दिवाली से पहले सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने लोगों को तोहफा दिया। पेट्रोल की कीमतों में एक रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई। नई दरें आज से लागू। नई दरों के अनुसार पेट्रोल दिल्ली में 66.65 रुपए प्रति लीटर मिलेगा। पेट्रोल के दाम अब 16 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा।
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में एक रुपए प्रति लीटर की कटौती की जिसमें स्थानीय बिक्रीकर या वैट शामिल नहीं है। इससे पहले, कंपनियों ने एक अक्टूबर को पेट्रोल की कीमत में 54 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी। सरकार ने पेट्रोल कीमतों को जून, 2010 में नियंत्रणमुक्त किया था। उसके बाद से प्रत्येक पखवाड़े में लागत के हिसाब से पेट्रोल कीमतों में संशोधन होता है। प्रत्येक माह की पहली व 16 तारीख को पेट्रोल कीमतों में पिछले पखवाड़े के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के औसत के आधार पर संशोधन होता है। ब्रेंट क्रूड आज लगभग चार साल के निचले स्तर पर आ गया। इस बीच अंतरराष्ट्रीय उर्जा एजेंसी ने कहा है कि इस साल तेल की मांग में बढ़ोतरी की दर 2009 के बाद सबसे सुस्त रहेगी।
कीमतों में संशोधन कल शाम किया जाना था, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावों के मद्देनजर आज ही इसकी घोषणा कर दी गई। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के मुताबिक, स्थानीय बिक्रीकर की गणना के उपरांत दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 1.21 रुपए घटकर 66.65 रुपए प्रति लीटर पर आ जाएगी। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 75.73 रुपए से घटकर 74.46 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी। इंडियन आयल ने कहा, पिछली बार कीमत संशोधन के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में लगातार नरमी का रुख है। हालांकि, मुद्रा की विनिमय दरें कमजोर हुई हैं।
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद डीजल कीमतों में 2.50 रुपए प्रति लीटर की कटौती हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो चार साल से अधिक समय में पहली बार डीजल के दाम घटेंगे। डीजल देश में सबसे ज्यादा खपत वाला ईंधन है। इसकी कीमतों का असर सीधे आवश्यक वस्तुओं के दामों पर पड़ता है। आवश्यक वस्तुओं के परिवहन वाले वाहनों में डीजल का ही इस्तेमाल होता है।
पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल की बिक्री पर लाभ होना शुरू हुआ है। यह पहला मौका है जबकि पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल की बिक्री पर लाभ हो रहा है। महाराष्ट्र और हरियणा में विधानसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लागू है। कीमतों में कटौती एक नई नीति होती, ऐसे डीजल कीमतों में संशोधन को टाला गया।