विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) : चक्रवात हुदहुद की चपेट में आने के तीन दिन के बाद जरूरी सेवाओं की बहाली और सार्वजनिक परिवहन सेवा की शुरुआत के साथ बुधवार को बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में जिंदगी सामान्य होने की ओर अग्रसर है। कुछ जरूरी सेवाएं आंशिक तौर पर बहाल हो गई हैं। वहीं, शहर के कुछ इलाके अभी भी अंधेरे में है और बिजली सेवा बहाल नहीं हो पाई है।

रविवार को आए चक्रवात के कारण विशाखापत्तनम के लोगों को काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। बिजली और दूध जैसी रोजाना जरूरत की चीजें उपलब्ध नहीं है और संचार नेटवर्क पर भी असर पड़ा। राज्य सरकार ने बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश शुरू कर दी है। राहत अभियानों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों से प्रभावितों को चावल, दाल, खाद्य तेल और सब्जियों जैसी खाद्य वस्तुओं के पैकेटों की आपूर्ति करने को कहा है।

कुछ कारोबारियों द्वारा विभिन्न सामग्रियों को बेहद महंगी कीमतों पर बेचने की कोशिश की कुछ शिकायतों पर नायडू ने कहा कि सब्जियां कम कीमतों पर मुहैया करायी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि गिरे हुए पेड़ों और मलबे को हटाने के बाद राज्य के अन्य जगहों से विशाखापत्तनम के लिए परिवहन सेवा बहाल हो गयी और शहर में दूध, सब्जियां भेजी जाने लगी हैं। आंध्रप्रदेश में सार्वजनिक सेवा में बड़ी भूमिका निभा रहे, राज्य संचालित आंध्रप्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) ने कल एक बयान में हैदराबाद में कहा कि चक्रवात प्रभावित विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में बस सेवा बहाल हो गयी है। बताया गया कि हालात सामान्य होने की ओर अग्रसर है।

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने कल विजयवाड़ा-विशाखापत्तनम खंड पर क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत के बाद विशाखापत्तनम के लिए रेल रूट को खोल दिया। जबरदस्त बारिश और करीब 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज तूफानी हवाओं ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में तबाही मचा दी। चक्रवात प्रभावित जिलों में हर जगह गिरे पड़े वृक्ष और बिजली के खंभे नजर आ रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक कल देर रात तक वर्षाजनित विभिन्न दुर्घटनाओं में 25 लोगों की मौत हो गई। करीब 1.35 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली और 6,85,000 लोगों को खाद्य मुहैया कराया गया।