प्रयागराज. प्रयागराज के शृंगवेरपुर घाट पर गंगा के किनारे बड़ी तादात में शवों को दफनाए जाने की खबर न्यूज 18 पर प्रमुखता से दिखाये जाने की खबर को जिला प्रशासन ने गम्भीरता से लिया है. शृंगवेरपुर में शवों को दफनाने की परम्परा खत्म हो और गंगा के तटों पर शवों का दाह संस्कार करने से होने वाली गंदगी को रोकने के लिए प्रशासन अब विद्युत शवदाह गृह बनाने की तैयारी कर रहा है.

प्रशासन ने चार विस्वा जमीन चिन्हित कर ली है. इसके साथ ही विद्युत शव दाह गृह के निर्माण के लिए एक प्रस्ताव बनाकर हल्का लेखपाल अनिल कुमार पटेल ने एसडीएम सोरांव अनिल कुमार चतुर्वेदी को सौंपा है. अब यह प्रस्ताव डीएम प्रयागराज की ओर से शासन को भेजा जाए गा और शासन की मंजूरी मिलने के बाद विद्युत शवदाह गृह का निर्माण शुरू हो जाएगा.

शव दफनाने पर रोक लगेगी

शृंगवेरपुर घाट पर विद्युत शवदाह गृह बनने से जहां शवों को दफनाने की परम्परा पर रोक लगेगी, वहीं गंगा घाटों पर होने वाले दाह संस्कार से होने वाली गंदगी भी नहीं होगी. इसके साथ समय की भी बचत होगी और लोग कम खर्च में शवों का अंतिम संस्कार कर सकेंगे. गौरतलब है कि कोरोना काल में अप्रैल और मई महीने में बड़ी संख्या में शृंगवेरपुर घाट गंगा नदी के किनारे शवों को दफनाया गया था. जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है. हालांकि इसको लेकर प्रशासन शवों के दफनाने की पुरानी परम्परा होने की दुहाई दे रहा था. लेकिन मामले के तूल पकड़ने पर प्रशासन को शवों के दफनाने पर पाबंदी लगानी पड़ी. एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक भी गंगा के आस-पास शवों को दफनाया नहीं जा सकता है.