भारतीय सेना पर अपुष्ट दावे फैलाने पर केंद्र सरकार ने बुधवार को चीन के सरकारी एक्स हैंडल पर प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया गया है जब कुछ दिन पहले चीन में भारतीय दूतावास ने मीडिया आउटलेट को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करने की सख्त चेतावनी दी थी।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ग्लोबल टाइम्सन्यूज, हम आपको सलाह देंगे कि इस तरह की गलत सूचना को आगे बढ़ाने से पहले आप अपने तथ्यों को सत्यापित कर लें और अपने स्रोतों की जांच कर लें।
दूतावास ने बताई सच्चाई
इसके बाद दूतावास ने पोस्ट में कहा, "कई पाकिस्तान समर्थक हैंडल #ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में गलत दावे फैला रहे हैं, जिससे जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। जब मीडिया आउटलेट स्रोतों की पुष्टि किए बिना ऐसी जानकारी साझा करते हैं, तो यह जिम्मेदारी और पत्रकारिता नैतिकता में गंभीर चूक को दर्शाता है।"
दूतावास की यह टिप्पणी पाकिस्तानी अकाउंट्स और कुछ मीडिया द्वारा वायरल पोस्ट के बाद आई थी, जिसमें कहा गया था कि बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल जेट को मार गिराया गया है।
PIB ने किया फैक्ट चेक
हालांकि, पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने ऐसी ही एक वायरल तस्वीर को भ्रामक बताते हुए कहा कि यह तस्वीर 2021 में पंजाब के मोगा जिले में हुए मिग-21 क्रैश की है। पीआईबी ने अपने पोस्ट में चेतावनी दी, "वर्तमान संदर्भ में पाकिस्तान समर्थक हैंडल द्वारा शेयर की गई पुरानी तस्वीरों से सावधान रहें।"
अरुणाचल में स्थानों का नाम बदलने पर विदेश मंत्रालय ने चीन को दिया जवाब
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का खंडन किया और राज्य में स्थानों का नाम बदलने के उसके प्रयास पर कड़ी आपत्ति जताई।
विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में दोहराया कि चीन के 'नामकरण' से इस निर्विवाद वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और हमेशा रहेगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने देखा है कि चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नामकरण के अपने व्यर्थ और निरर्थक प्रयासों में लगा हुआ है। हम इस तरह के प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं।"