भोपाल: मध्य प्रदेश में 10 तारीख बीतने के बाद भी लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये की राशि नहीं पहुंची. जिससे उनका सब्र जबाव दे रहा है. हालांकि लाड़ली बहना योजना को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. वित्त विभाग ने लाड़ली बहनों के खातों में भेजने के लिए पर्याप्त राशि की व्यवस्था कर ली है. बस कुछ ही घंटो के बाद उनका इंतजार खत्म होने वाला है. सीएम मोहन यादव खुद यह राशि लाड़ली बहनों के खातों में हस्तांतरित करेंगे. इसके लिए राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. जहां से सीएम पूरे प्रदेश की लाड़ली बहनों के खातों में राशि भेजेंगे.

दूसरी बार ऐसा, जब 10 के बाद आएंगे 1250 रुपये
बता दें कि मध्य प्रदेश में बीते 2 सालों से लाड़ली बहना योजना का संचालन किया जा रहा है. अब तक यह राशि हर महीने के 10 तारीख से पहले महिलाओं के खातों में हस्तांतरित कर दी जाती थी. अप्रैल महीने में 16 तारीख को लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये की राशि हस्तांतरित की गई थी. अब यह दूसरा मौका है, जब लाड़ली बहना की किस्त 10 तारीख के बाद आएगी. हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब हर महीने लाड़ली बहनों को 10 से 16 तारीख के बीच राशि हस्तांतरित की जाएगी.

सीधी जिले से 1552 करोड़ रुपये करेंगे हस्तांतरित
बता दें कि 15 मई को सीधी जिले के मझौली में लाड़ली बहना को लेकर राज्य स्तरीय सम्मेलन बुलाया गया है. इसमें सीएम डॉ यादव लाड़ली बहनों से संवाद भी करेंगे. इसके साथ ही मझौली से ही सीएम लाड़ली बहनों के खातों में 1552 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित करेंगे. इस दौरान सीएम सीधी जिले में कई अन्य सौगात भी देंगे. इसको लेकर जिले में तैयारियों का अंतिम दौर चल रहा है. कुछ ही घंटो बाद सीएम लाड़ली बहनों के खातों में राशि हस्तांतरित करने वाले हैं.

वित्त विभाग ने बताई किस्त में देरी की वजह
वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश को केंद्रीय करों की करीब 7 हजार करोड़ रुपये की राशि मिलती है. वह मध्य प्रदेश सरकार के खाते में हर महीने 10 तारीख के बाद आती है. ऐसे में लाड़ली बहना योजना के लिए सरकार को अपने रिजर्व अकाउंट से राशि देनी पड़ती थी. जिससे कैश लिक्विडिटी (वित्तीय चीजों को वक्त पर पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी न होना) की समस्या होती है. इसलिए कैश लिक्विडिटी को निरंतर बनाए रखने के लिए सरकार लाड़ली बहना योजना की तिथि में बदलाव करने जा रही है. वित्त विभाग ने इसको लेकर सीएम सचिवालय से अनुरोध किया था, जिसकी स्वीकृति मिल गई है.